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मोरबी ब्रिज हादसा: गुजरात के मोरबी में हुए भयानक हादसे के बाद इसकी जांच विशेष जांच दल ने शुरू कर दी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी मंगलवार को मोरबी जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी कल दोपहर 1 बजे मोरबी जा सकते हैं। मोरबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीड़ित लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई। गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। बता दें कि रविवार को हुए इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर दुख व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि गुजरात में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है।
मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मोरबी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इस हादसे में घायल लोगों से मिल सकते हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है। वह अहमदाबाद में कुछ रेल परियोजनाओं के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले ”पेज कमिटी सम्मेलन” को भी रद्द कर दिया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल का भी जायजा लेंगे।
हादसे का जिम्मेदार कौन?
मोरबी में हुए हादसे के बाद से अब तक कई वीडियो सामने आए हैं। इन सभी वीडियो में नजर आ रहा है कि किस तरह यह पुल टूटा था और कैसे लोग एक-एक कर नदी में समा गए। बताया जा रहा है कि एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था।
इस हादसे के बाद से एसआईटी की जांच जारी है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक कुल 9 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं। इसके अलावा पुल प्रबंधन से जुड़े कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। विशेष जांच टीम इन लोगों से लापरवाही के संबंध में पूछताछ कर सकती है। इस हादसे से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है।
कोशिश की जा रही है कि इस बेहद ही भयानक हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस पुल का काम अजंता ओरेवा कंपनी ने किया था। पुलिस ने इसी कंपनी से जुड़े लोगों को हिरासत में लेकर अपनी पूछताछ शुरू की है। इस हादसे में कई लोग घायल हैं। घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
5 दिन पहले ही खोला गया था पुल
बता दें कि राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित मोरबी में मच्छु नदी पर बना यह पुल एक सदी से भी अधिक समय पुराना है। मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आम जन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। हादसे में राजकोट से भाजपा सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया के परिवार के 12 सदस्यों की भी मौत हो गई। मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया ने बताया, मैंने दुर्घटना में अपने परिवार के 12 सदस्यों को खो दिया है, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। मैंने परिवार के सदस्यों को खो दिया जो मेरी बहन के परिवार से थे।