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राजस्थान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पीएम मोदी की गहलोत की तारीफ करने पर पहल रिएक्शन दिया है। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की तारीफ भी पीएम मोदी ने की थी। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। सचिन पायलट ने आज राजधानी जयपुर में मीडिया से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की। सचिन पायलट ने कहा कि पीएम मोदी ने जिस प्रकार कल बढ़ाई की है, मैं समझता हूं बड़ा दिलचस्प घटनाक्रम है। क्योंकि इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर गुलाब नबी आजाद साहब की बढ़ाई की थी, उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ आपने देखा है। कल का बड़ा इंटरेस्टिंग डलवपमेंट था कल का। प्रधानमंत्री ने स्वत ही बढ़ाइयां की है, इसको मैं इंटरेस्टिंग मानता हूं। इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए।
राजस्थान में जल्द हो अनिश्चिता की स्थिति समाप्त
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में बहुत जल्द अनिश्चिता का जो स्थिति बनी है समाप्त होगी। पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी जल्द निर्णय लेंगे। नियम, रूल्स सब के लिए बराबर है। निर्णय जल्द लिया जाएगा। अभी हम गुजरात और हिमाचल के चुनाव में लगे है। पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सीएलपी की मीटिंग होनी थी, लेकिन हो नहीं पाई, उसके लिए सीएम ने माफी मांग ली है। तीन नेताओ को कारण बताओ नोटिस दिया है। जवाब भी दे दिए है। जल्द निर्णय होगा।
कदम उठाने का समय आ गया है
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उसके पैररल एक बैठक हुई। मुझे लगता है कि इस मामले को जल्द ठीक करने के लिए कदम उठाने का वक्त आ गया है। पार्टी उस पर कार्रवाई करेगी। सचिन पायलट ने राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की बात कर कहा कि किसको क्या देना है, इसका निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी करती है। राजस्थान में चुनाव का समय बहुत कम बचा है। 13 महीने बचे है। जो कदम उठाने है, खासतौर पर सीएलपी की मीटिंग, उसका निर्णय भी बहुत जल्द एआईसीसी लेगी। लेकिन चुनाव हमारे चल रहे हैं, आप मत भूलिए महत्वपूर्ण चुनाव है। गुजरात से पीएम मोदी आते है। जबकि हिमाचल से जेपी नड्डा आते हैं। दोनों राज्य हमारे लिए महत्वपूर्ण है। दोनों राज्यों में हम जीत हासिल करेंगे।
कांग्रेस में नियम सभी के लिए बराबर
पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग पर सीएम अशोक गहलोत ने माफी मांगी है। एआईसीसी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत जवाब मांगा है। कांग्रेस में नियम सभी के लिए बराबर है। शीघ्र निर्णय जरूरी है। हालांकि, पायलट ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ की तरफ माना जा रहा है। इन तीनों नेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया। जवाब भी दे दिया है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान फिलहाल असमंजस की स्थिति में है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ख़ड़गे ऐक्शन लेना नहीं चाहते हैं।
गहलोत समर्थकों ने किया था बैठक का बहिष्कार
बता दें, 25 सिंतबर को गहलोत समर्थक मंत्री धारीवाल और महेश जोशी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली लौट गए थे। चर्चा है कि विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को सीएम बनाने के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पारित होना था, लेकिन गहलोत समर्थकों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। सचिन पायलट ने इन गहलोत समर्थक मंत्रियों पर पार्टी आलाकमान से कार्रवाई करने की मांग की है।