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जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान के आदेश की एक बार फिर खुलेआम अवहेलना हुई जहां मंगलवार को राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ राजधानी में धरने पर बैठ गए. पायलट ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए घोटालों में कथित कार्रवाई की मांग को लेकर 5 घंटे अनशन किया जहां वह अपने कुछ समर्थकों को लेकर मौन बैठे रहे. पायलट ने अनशन से पहले दिल्ली दरबार ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अनशन किया. हालांकि पायलट के अनशन को लेकर मंगलवार से अब तक आलाकमान की ओर से खामोशी बरती गई.वहीं अब मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को पायलट की मुलाकात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हो सकती है. हालांकि पार्टी की ओर से पायलट से मुलाकात को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. इससे पहले पायलट मंगलवार को देर शाम दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. सूत्रों का कहना है कि पायलट की इस घटनाक्रम के बाद अब आलाकमान से बातचीत हो सकती है. इधर पिछले 48 से अधिक घंटों की खामोशी के बाद बुधवार को सीएम गहलोत ने भी एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.
आलाकमान हुआ पायलट पर नरम!
दरअसल पायलट ने रविवार को भ्रष्टाचार को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ जो तेवर दिखाए थे अनशन खत्म करने के बाद उनमें काफी बदलाव देखा गया. वहीं अनशन के दौरान भी पायलट ने पूरी सावधानी से काम लिया और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी सरकार के खिलाफ ही अपना विरोध दर्ज करवाया. वहीं उन्होंने अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार को भी घेरा.वहीं अनशन के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पायलट ने पार्टी विरोधी कोई टिप्पणी नहीं की है जिस पर वह तत्काल कोई प्रतिक्रिया दे सकें. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है कि उन्होंने कुछ गलत बोला है. मालूम हो कि इससे पहले रंधावा ने सोमवार को देर रात एक बयान में कहा था कि पायलट का कल का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है और यह पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा.
भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाता रहूंगा आवाज – पायलट
इधर अनशन खत्म करने के बाद पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं लंबे समय से इस मुद्दे को उठाता रहा हूं और यह वही मुद्दा है जिसे राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर उठाया था. उन्होंने कहा कि हमनें बीजेपी सरकारों के खिलाफ व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाना चाहते हैं और हमनें पहले भी ऐसी कई मुहिम चलाई है. पायलट ने बताया कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि सभी विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है.