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भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के सरदारशहर विधानसभा उप चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया। 5 दिसंबर को मतदान होगा। जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस विधायक के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। विधानसभा से पूर्व हो रहे उप चुनाव सीएम अशोक गहलोत के साथ-साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेस हार जाती है सचिन पायलट गुट हमलावर हो जाएगा। जबकि बीजेपी चुनाव नहीं जीत पाती है तो सीधे तौर पर सतीश पूनिया का आगे का राजनीतिक करिअर प्रभावित होगा। हारने की स्थिति में पूनियां के नेतृत्व पर विरोधी गुट की ओर से सवाल खड़े किए जाएंगे। जबकि जीत की स्थिति में विरोधियों पर भारी पड़ेंगे। सीएम गहलोत कांग्रेस की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के सहारे चुनाव जीतने के प्रयास करेंगे, बीजेपी प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था का हवाल दें, गहलोत सरकार के खिलाफ मैदान में उतरेगी।
पिछले विधानसभा उपचुनाव में गहलोत चला था जादू
बता दें, इससे पहले हुए विधानसनभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य की धरियावद व वल्लभनगर, दोनों सीटें जीती थी। कांग्रेस ने उपचुनाव में एक सीट पर अपना कब्जा कायम रखा है तो एक सीट उसने भाजपा से छीनी। अगले महीने तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही अशोक गहलोत सरकार के लिए इसे बड़ी जीत माना गया था। मुख्यमंत्री गहलोत ने इसे जनता द्वारा राज्य सरकार के सुशासन मुहर बताया था। राजस्थान में अब तक हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है। पंचायत चुनाव से लेकर राज्यसभा चुनाव में सीएम अशोक गहलोत को जादू जमकर चला है। ऐसे में अब देखना होगा कि सरदारशहर उपचुनाव में सीएम गहलोत का जादू बरकार रहता है या फिर सतीश पूनिया को संजीवनी मिलेगा
कांग्रेस विधायक के निधन से हो रहे हैं उप चुनाव
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के कारण चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा में उप चुनाव हो रहे हैं। भंवरलाल शर्मा कुछ दिनों पर ही निधन हो गया था। वह काफी दिनों से बीमार थे। कांग्रेस के वरिष्ठ ने भंवर लाल शर्मा सरदारशहर से कई बार विधायक चुने गए है। भंवरलाल शर्मा पायलट गुट के माने जाते थे। जब सचिन पायलट ने वर्ष 2020 में बगावत की थी, उस समय भंवरलाल शर्मा ने पायलट का साथ दिया था। हालांकि, बाद में भंवरलाल शर्मा पलट गए और गहलोत के करीब आ गए थे। उप चुनाव कार्यक्रम जारी होते ही कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के चयन के लिए प्रयास तेज हो गए है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार के लिए उप चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 10 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। इसी के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 17 नवंबर है। 18 नंवबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 नवंबर नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है। जबकि 5 दिसंबर 2022 को उप चुनाव के लिए मतदान होगा। 8 दिसंबर को मतगणना होगी। 10 दिसंबर को चुनावी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी।