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डूंगरपुर में सोम नदी में बड़लिया पुल के मिला विस्फोटक धौलपुर की एक्सप्लोटिव फैक्ट्री से निकला है। आठ महीने पहले उसे अजमेर के लिए भेजा गया था और यह डूंगरपुर किस तरह पहुंचा, इसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है।
उदयपुर में अहमदाबाद ब्रॉड गेज लाइन के बीच ओड़ा स्थित ब्रिज पर विस्फोट की घटना को लेकर जांच में जुटी पुलिस को दो दिन में डूंगरपुर जिले में आसपुर थाना क्षेत्र में सोम नदी पर बने बड़लिया पुल के नीचे और समीप पांच टन से अधिक विस्फोटक मिला, जो जिलेटिन रॉड के रूप में था।
मंगलवार को पुलिस ने पुल के नीचे से 186 जिलेटिन राॅड बरामद करने के बाद बुधवार को महिलाओं की सूचना पर और 540 जिलेटिन की रॉड बरामद की। यह विस्फोटक कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं इसका अंदाजा एकबारगी नहीं लगाया जा सकता लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि इतने विस्फोटक से एक किलोमीटर एरिया में तबाही मचाई जा सकती है।
8 महीने पहले धौलपुर की फैक्ट्री से निकली थी
पुलिस की जांच में पता कि जो जिलेटिन की रॉड बड़लिया पुल के नीचे तथा पास से बरामद की गईं, वह 8 महीने पहले धौलपुर की राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल लिमिटेड फैक्ट्री में बना था। यहां से 23 मार्च को अजमेर की कृष्णा सेल्स निजामपुरा मैगजीन को ट्रक से 15 टन विस्फोटक भेजा गया था, जिसमें डूंगरपुर में बरामद जिलेटिन की छड़ भी शामिल थीं।
अजमेर की एजेंसी के मालिक भीलवाड़ा के गुलाबपुरा निवासी राजेंद्र कुमार बाहेती की हैं। अब पुलिस यह तलाश रही है कि विस्फोटक की यह छड़ें रास्ते से गायब हुई या अजमेर की एजेंसी से निकली।
2009 में फैक्ट्री से गायब हो गए थे विस्फोटक भरे 164 ट्रक
पता चला है कि साल 2009 में धौलपुर की जस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल लिमिटेड फैक्ट्री से विस्फोटक के 164 ट्रक गायब हो गए थे। तब इस फैक्ट्री से भीलवाड़ा के एक अन्य व्यवसायी ने सागर (मध्यप्रदेश) में मैगजीन खोली थी। मध्य प्रदेश में टैक्स कम होने की वजह से भीलवाड़ा के दोनों व्यापारी धौलपुर आरईसीएल से विस्फोटक सागर के लिए मंगाते थे लेकिन यह विस्फोटक सागर की बजाय भीलवाड़ा ले आते थे। तब सागर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने पुलिस रिकॉर्ड में भारी मात्रा में विस्फोटक आने की जांच की तो सागर की मैगजीन से पता चला कि वहां विस्फोटक पहुंचा ही नहीं।