उज्जैन के महाकाल मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस बार भी रविवार-सोमवार को यहां छह लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। महाकाल लोक से ही श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। नववर्ष पर रविवार और सोमवार को छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
लड्डू प्रसादी की भी दोगुनी डिमांड की गई है। इस साल भी ऑनलाइन होने वाली भस्म आरती पर 31 दिसंबर और 1 जनवरी को रोक लगा दी गई है। 31 दिसंबर यानी आजऔर एक जनवरी को छुट्टी रहेगी।
भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की लाइन त्रिवेणी संग्रहालय से शुरू होगी, जो नंदी दरवाजा और बेरिकेडिंग से होते हुए मानसरोवर पहुंचेगी। यहां गणेश मंडपम तक कतार लगेगी। गणेश मंडपम से दर्शन के बाद श्रद्धालु महाकाल लोक में बने पिनाकी गेट से बाहर निकलेंगे। लाइन में खड़े श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है।
माना जा रहा है कि नए साल के 22 दिसंबर से 1 जनवरी तक मंदिर में भीड़ का दबाव बना रहेगा। मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक में 24 दिसंबर से 5 जनवरी तक 16 दिनों के लिए गर्भगृह में प्रवेश बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान सिर्फ मंदिर के पुजारी ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं। वहीं अन्य दर्शनार्थी बेरिकेड्स से दर्शन का लाभ उठा सकेंगे।