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राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच मनमुटाव काफी गहरा गया है. इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कथित तौर पर कह रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में ‘बड़ा कोरोना’ आ गया है. वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इसके जवाब में एक रैली में कहा था कि ‘राजनीति में संयम रखना जरूरी है. सम्मान दोगे तो पाओगे. दरअसल, बीते दिन सीएम गहलोत ने कहा था कि मैंने बैठकें फिर से शुरू कर दी हैं. जहां पहले कोरोना था, अब एक बड़ा कोरोना हमारी पार्टी में भी घुस गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम गहलोत ने किसी का भी नाम नहीं लिया, लेकिन वे अपने पूर्व डिप्टी को निशाना बना रहे थे, जिन्हें उन्होंने पहले गद्दार और निकम्मा तक कहा था. गौरतलब है कि, सीएम गहलोत की टिप्पणी पर सचिन पायलट के अपनी ही सरकार पर बार-बार हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. कई जिलों में अपनी जनसभाओं में पायलट ने पेपर लीक, पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और रिटायर्ड नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों के मुद्दों पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा हैं.
गाली-गलौज करना आसान, शब्द वापस लेना कठिन- पायलट
दरअसल, साल 2020 के दौरान दुनिया भर में कोविड का प्रकोप हुआ था, जब सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना विद्रोह शुरू किया था. उस दौरान सचिन पायलट ने सीएम गहलोत का नाम तब नहीं लिया. जब उन्होंने एक रैली में जवाबी कार्रवाई की. इस पर पायलट ने कहा था कि किसी को अपनी जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए,चूंकि, गाली-गलौज करना आसान है , लेकिन एक बार बोले गए शब्दों को वापस लेना कठिन है. मैंने कभी व्यक्तिगत हमले नहीं किए. अगर आप सम्मान देते हैं, तो सम्मान पाएंगे भी. उन्होंने कहा कि मैं लोगों पर अपमानजनक तरीके से टिप्पणी नहीं करता, इसलिए मुझे नहीं पता कि वे मुझ पर टिप्पणी क्यों करते हैं.
पायलट ने भी वसुंधरा के बहाने बोला हमला
बता दें कि, इससे पहले भी सचिन पायलट एक बार फिर बीजेपी की वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आए है.जहां पायलट ने पाली में एक जनसभा के दौरान कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए माथुर आयोग बनाया था. लेकिन दुर्भाग्यवश यह आयोग कुछ नहीं कर सका. इस कार्यकाल में भी 4 साल बीत चुके हैं. ऐसे में अब उम्मीद जगी है कि अब 11 महीनों में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार की जांच होगी.