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राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है जहां प्रश्नकाल के दौरान गहलोत सरकार के मंत्री बीडी कल्ला आज विपक्ष के निशाने पर रहे. बीजेपी ने मंत्री को विद्या संबल योजना पर जमकर घेरा. वहीं शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में राज्य की सरकारी नौकरियों की भर्तियों में स्थानीय लोगों के आरक्षण संबंधी एक सवाल पर अहम जानकारी दी. सरकार की ओर से कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार की सरकारी नौकरियों में स्थानीय यानि प्रदेशवासियों को अलग से आरक्षण देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. कल्ला के मुताबिक सभी सेवा नियमों में राष्ट्रीयता के नियम के तहत कर्मचारी के भारत का नागरिक होना अनिवार्य है. वहीं संविधान के अनुच्छेद 16(2) के अनुसार, किसी के भी रहने के स्थान के आधार पर सरकारी नौकरी में में भेदभाव नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि राजस्थान में सरकारी भर्ती में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की मांग बेरोजगार युवा समय-समय पर उठाते रहे हैं लेकिन कल्ला ने मंगलवार को विधानसभा में साफ कर दिया है कि किसी के भी निवास स्थान के आधार पर सरकारी नौकरी में विधिक प्राविधान करने का अधिकार अनुच्छेद 16(3) के तहत केवल देश की संसद को दिया गया है और वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.
स्थानीय लोगों को नहीं नौकरी में आरक्षण
दरअसल, बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन में सवाल पूछा कि सूबे की भर्तियों में स्थानीय लोगों को कितना फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है और क्या सरकारी भर्तियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का विचार सरकार रखती है? इसके जवाब में बीडी कल्ला ने कहा कि मौजूदा वक्त में प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय लोगों के लिए अलग से आरक्षण का कोई प्राविधान नहीं है.
वहीं मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग/ अति पिछड़ा वर्ग/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की कुल भर्तियों में से 64 फीसदी पदों को केवल राजस्थान के स्थानीय निवासियों से भरे जाने का प्रावधान है. इसके अलावा भूतपूर्व सैनिकों के पद भी स्थानीय निवासियों से भरे जाने का प्रावधान है.
गहलोत बोले थे- मैं स्टडी करवा रहा हूं
मालूम हो कि बीते दिनों राजस्थान में सरकार सरकारी नौकरी में प्रदेश के युवाओं को 100% रिजर्वेशन देने की बात पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकार इसके कानूनी पहलू का परीक्षण करवा रही है और अगर कोई अड़चन नहीं आई तो राजस्थान में होने वाली सरकारी भर्तियों में राज्य के बाहर के अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकेंगे. मुख्यमंत्री गहलोत ने यूथ एक्सीलेंट सेंटर के शिलान्यास समारोह के एक कार्यक्रम में यह संकेत दिए थे. गहलोत ने कहा था कि प्रदेश में पिछले कुछ वक्त से सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने की मांग उठ रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की भावना के हिसाब से वह कहते हैं कि यह ठीक नहीं है हालांकि मैं स्टडी करवा रहा हूं और अगर ऐसी स्थिति बनी देश के अंदर, तो राजस्थान पहला राज्य होगा जहां युवाओं को पूरा आरक्षण मिलेगा.