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राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी डूंगरी में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 4 महीने में अपना तीसरा दौरा किया जहां गुर्जर समुदाय के आराध्य भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर हुए कार्यक्रम में पीएम शामिल हुए. हालांकि पीएम का दौरा राजस्थान में चुनावी साल में था ऐसे में कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे लेकिन बीजेपी ने कहा कि पीएम का दौरा पूरी तरह से गैर-राजनीतिक था. वहीं इसके अलावा बीजेपी ने मोदी के इस दौरे से कांग्रेस को पूरी तरह से अलग रखा जिसको लेकर बताया जा रहा है कि बीजेपी इसे समाज विशेष के कार्यक्रम के तौर पर ही प्रोजेक्ट करना चाहती थी इसलिए बीजेपी के भी कई नेताओं को नहीं बुलाया गया. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनावों में गुर्जर समाज ने राजस्थान में बीजेपी को नकार दिया था जिसके बाद अब मिशन 2023 के तहत बीजेपी समाज के बीच फिर से स्थापित होने की कोशिश कर रही है.इसके अलावा पूरा कार्यक्रम बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही फोकस रखा गया. हालांकि कार्यक्रम की तैयारियां संस्कृति मंत्रालय की ओर से की गई और संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल करीब 2 हफ्ते से यहां जुटे हुए थे.
गहलोत-पायलट और गुर्जर कांग्रेसी MLA रहे नदारद
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गुर्जर समाज के बीच फेमस नेता सचिन पायलट को भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. इसके अलावा कार्यक्रम में गहलोत सरकार का कोई मंत्री और एक भी गुर्जर कांग्रेसी विधायक नहीं पहुंचा. बता दें कि देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना भी वहां दिखाई नहीं दिए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के पुजारी का कहना है कि हमारे साल में दो बड़े कार्यक्रम होते हैं और इस बार राष्ट्रीय स्तर का होने के चलते हमने पीएम को बुलाया था और सीएम को बुलाने पर विचार चल रहा था लेकिन पीएमओ से परमिशन मिल गई तो फिर सीएम को आमंत्रित नहीं किया गया. हालांकि कार्यक्रम के बोर्ड बैनर पर भी आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव और जी-20 का लोगो लगा हुआ था और पीएम मोदी ने भी सभा के दौरान कमल के निशान का जिक्र किया.
ये भक्ति का कार्यक्रम : पीएम
वहीं बीजेपी ने पूरे कार्यक्रम को देवनारायण मंदिर समिति के कार्यक्रम के तौर पर प्रोजेक्ट किया और पीएम ने भी अपने भाषण में कहा कि यह समाज का भक्ति कार्यक्रम है. हालांकि जानकारों का कहना है कि अगर कार्यक्रम पीएमओ की ओर से आयोजित किया गया होता तो आधिकारिक प्रोटोकॉल के नाते सीएम अशोक गहलोत को आमंत्रित किया जाना था. इसके अलावा मंदिर समिति ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को न्योता भेजा था लेकिन वह नहीं पहुंची. बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी इसे समाज विशेष के कार्यक्रम के रूप में ही प्रोजेक्ट करना चाहती थी ऐसे में बीजेपी के कई नेताओं को भी सीधे तौर पर नहीं बुलाया गया. इधर संस्कृति मंत्री होने के नाते सिर्फ अर्जुन राम मेघवाल मंच पर मौजूद रहे. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया, दीया कुमारी, भागीरथ चौधरी और सुखबीर सिंह जौनपुरिया भी दिखाई दिए.