Report Times
latestOtherजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

पायलट के एक्शन वाली डिमांड पर खाचरियावास की दो टूक, बोले- ‘बयानबाजी से सिर्फ चर्चा होती है’

REPORT TIMES 

Advertisement

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान फिर नए सिरे से शुरू हो गई है. पूर्व डिप्टी पायलट के बुधवार को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में जिम्मेदार नोटिस देने तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाए हैं जिसके बाद एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. पायलट के बयान पर अब कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पायलट का नाम लिए बिना निशाना साधा है. विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे खाचरियावास ने कहा कि सिर्फ बयान पर बयान देने से चर्चा होती है और कुछ नहीं मिलता है.मंत्री ने नाम लिए बिना नसीहत देते हुए कहा कि यह वक्त बजट की चर्चा करने का है और सीएम अशोक गहलोत ने जनता का बजट दिया है, ऐसे में हमें चुनावों को देखते हुए बजट और सरकार के कामों की चर्चा करनी चाहिए. मालूम हो कि पायलट ने बुधवार को एक इंटरव्यू में ​गहलोत समर्थक विधायकों पर दबाव बनाने की पार्टी स्तर पर जांच करने का मुद्दा उठाया है. इंटरव्यू में पायलट ने गहलोत गुट के विधायकों के दबाव में इस्तीफों के पीछे की वजह की आलाकमान स्तर पर जांच करने की मांग की है.

Advertisement

Advertisement

एकजुट होने का समय : खाचरियावास

Advertisement

खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान में साल के आखिर में चुनाव होने हैं और हाल में हमारी सरकार ने जनता के हित में शानदार बजट दिया है ऐसे में अब हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि हम बजट घोषणाओं को जनता के बीच लेकर जाएं. वहीं पायलट के बयान पर मंत्री ने कहा कि जिसने भी जो बयान दिया है उसकी प्रतिक्रिया पार्टी से लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के बजट की चर्चा देशभर में हो रही है, महंगाई को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं ऐसे में जब सरकार और पार्टी चुनावी मोड में है तो हम सभी को सरकार की योजनाओं और राहुल गांधी की नीतियों को लेकर जनता के बीच जाएं.

Advertisement

पायलट ने क्या डिमांड की है ?

Advertisement

दरअसल पायलट ने बुधवार को कहा कि विधानसभा स्पीकर ने हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि 81 विधायकों के इस्तीफे मिले थे और कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर इस्तीफे सौंपे थे और हलफनामे में यह भी कहा गया कि कुछ विधायकों के इस्तीफे फोटोकॉपी थे और बाकी को स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि वह मर्जी से नहीं दिए गए थे. पायलट ने सीधा सवाल करते हुए कहा कि ये इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए क्योंकि अपनी मर्जी से नहीं दिए गए थे ऐसे में अगर वे अपनी मर्जी से नहीं दिए गए थे तो ये किसके दबाव में दिए गए थे? क्या कोई धमकी थी, लालच था या दबाव था. पायलट ने कहा कि इस विषय की पार्टी की ओर से जांच करने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि पिछले साल जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देशों की अवहेलना करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में ज्यादा देरी हो रही है और अगर राजस्थान में 25 साल से चली आ रही परंपरा बदलनी है तो जल्द फैसला करना होगा.

Advertisement
Advertisement

Related posts

पेड़ में घुसी तेज रफ्तार इनोवा, 6 की मौके पर मौत; 8 की हालत नाजुक

Report Times

हिंसा की आग में झुलस रहा ईरान, प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता; अब तक 36 की मौत

Report Times

आस्था और श्रद्धा का सैलाब गौशाला रोड़ स्थित गणेश पण्डाल में

Report Times

Leave a Comment