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बाला साहेब की ‘शिवसेना’ शिंदे गुट के नाम, साथ में मिला धनुष-बाण का निशान

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शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. बाला साहेब की शिवसेना अब शिंदे गुट की हो गई है.केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज आदेश दिया कि शिवसेना और पार्टी का प्रतीक ‘धनुष-बाण’ एकनाथ शिंदे गुट का रहेगा. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना चली गई है और शिवसेना नाम और निशान पर एकनाथ शिंदे का हक हो गया है.सीएम एकनाथ शिंदे ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा आज चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है उसका मैं स्वागत करता हूं. यह हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों की विजय है. यह शिवसेना के सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों की विजय है. लोकतंत्र में बहुमत की अहमियत है. बहुमत हमारे साथ है. यह लोकतंत्र की विजय है. यह सत्य की विजय है. हमारी सरकार संविधान के आधार पर स्थापित हुई है. यह फैसला मेरिट पर आधारित फैसला है. इसके लिए हम चुनाव आयोग के हृदय से आभारी हैं.

यह खोखे की जीत, सत्य की नहीं- संजय राउत

इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. यह खोखे की जीत है, सत्य की नहीं. हम कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे और जनता के दरबार में भी जाएंगे. हम फिर से शिवसेना खड़ी करेंगे. आपने निशान हथियाया है, विचार कैसे हथियाएंगे. अगर धनुष बाण राम की बजाए रावण को मिले, तो इसका मतलब क्या?इसका मतलब है असत्यमेव जयते.

आगे संजय राउत ने कहा कि कहां तक खरीद-बिक्री हुई है, यह साफ हो गया है. आज चुनाव आयोग ने अपना विश्वास खो दिया है. देश की सभी स्वायत्त संस्थाओं को गुलाम बनाने की कोशिश शुरू है. इस फैसले को जरूर चुनौती देंगे हम. 40 लोगों ने पैसे के जोर पर धनुष बाण का चिन्ह खरीदा है.

संजय राउत लिखी हुई स्क्रिप्ट पढ़ रहे- फडणवीस

इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे के विचार पर चलने वाले एकनाथ शिंदे के गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिला है. हम इसके लिए उनका अभिनंदन करते हैं. हम पहले दिन से कहते आ रहे थे कि खरी शिवसेना यही है. शिवसेना के विचारों को आगे ले जाने का काम एकनाथ शिंदे कर रहे हैं. बालासाहेब के विचारों को लेकर वही आगे जा रहे हैं. चुनाव आयोग का फैसला इस बात पर मुहर लगाता है. इससे पहले के कई फैसलों में चुनाव आयोग ने ऐसे मामलों में इसी तरह के फैसले लिए गए हैं. वोट संख्या या वोट पर्सेंटेज के आधार पर ही नाम और निशान का फैसला किया जा सकता है. यह एकनाथ शिंदे के साथ है. फडणवीस ने कहा कि रही बात संजय राउत की प्रतिक्रिया की तो उनके पास लिखी हुई सक्रिप्ट थी. फैसला हक में नहीं आया तो उन्हें चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं. उन्होंने अपना बयान टाइप करके रखा था अगर फैसला उनके पक्ष में आता तो वे कहते कि फैसला सही है. अब जनता के मन में भी कोई कंफ्यूजन नहीं रह गया कि खरी शिवसेना किसकी है.

लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत, सत्यमेव जयते- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है. सत्यमेव जयते का घोष हुआ है. शिवसेना और बीजेपी की संयुक्त ताकत अब महाराष्ट्र के भविष्य की एक नई सुबह का द्वारा खोलेगी.

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