REPORT TIMES
राजस्थान में अब ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर वार-पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार को जयपुर में ओपीएस को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब दिया है. गहलोत ने कहा कि केंद्रीय वित्त ने जिस तरह के बयान दिए है, मैं समझता हूं कि वित्तमंत्री को स्पष्ट रूप कहना चाहिए था कि वह ओपीएस के खिलाफ है, तब हमें मालूम चलता कि आपकी मंशा क्या है. उन्होंने कहा कि वह गोलमोल जवाब दे रहे हैं जो उचित नहीं है. गहलोत ने कहा कि ओपीएस कर्मचारियों के लिए मानवीय दृष्टिकोण का सवाल है और हम कर्मचारियों पर किसी तरह की दया नहीं कर रहे हैं.मालूम हो कि सोमवार को सीतारमण ने कहा था कि राजस्थान सरकार को न्यू पेंशन स्कीम्स का केंद्र के ट्रस्ट में जमा 45 हजार करोड़ रुपए नहीं मिलेंगे. सीतारमण ने कहा था कि एनपीएस का पैसा कर्मचारी का है और ब्याज कमा रहा है और वह पैसा रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के हाथ में चला जाएगा. मंत्री ने कहा कि इकट्ठा पैसा राज्य सरकार के हाथ नहीं आएगा और यह असंभव है.
‘कर्मचारियों को शेयर मार्केट के भरोसे नहीं छोड़ सकते’
गहलोत ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को हम शेयर मार्केंट पर निर्भर नहीं देने रह सकते हैं और कर्मचारियों के हित में उन्हें सुझाव देने में क्या दिक्कत है. सीएम ने बताया कि 35 साल की सर्विस के बाद भी कोई आदमी अगर सुरक्षा महसूस नहीं करें और शेयर मार्केंट पर निर्भर रहे तो यह अन्याय है. सीएम ने कहा कि ओपीएस को रोकने की कोशिश करना कहां कि समझदारी है यह उनको बताना चाहिए. गहलोत ने कहा कि मुझे बहुत दुख होता है कि एक वित्तमंत्री होकर इस प्रकार के जवाब दे रही है जिनका कोई मतलब ही नहीं होता है.
स्पष्ट तौर पर लागू हो OPS : गहलोत
गहलोत ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने ओपीएस को लेकर पहल की जिसका चारों तरफ स्वागत हुआ है और अब ओपीएस को लकेर चार-पांच राज्य आगे आए हैं. सीएम ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री कमेटी बना रहे हैं और हो सकता है जल्द ही लागू भी कर दें. सीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि स्पष्ट तौर पर ओपीएस देशभर में लागू करना चाहिए और लाखों कर्मचारियों को विश्वास दिलाना चाहिए कि भारत सरकार और राज्य की सरकारें उनके साथ खड़ी हैं.