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‘गहलोत सरकार नहीं केस लड़ने में इच्छुक’ रकबर लिंचिंग केस के वकील बोले- मेरी फीस तक नहीं दी

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हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई बोलेरो में राजस्थान के भरतपुर के घाटमीका गांव के रहने वाले दो युवकों (जुनैद और नासिर) के कंकाल मिलने के मामले में हरियाणा और राजस्थान पुलिस लगातार जांच कर रही है. वहीं मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने के बाद उन्हें न्याय का आश्वासन दिया है लेकिन 2018 में राजस्थान के बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग केस में सरकारी वकील ने सरकार की कथनी और करनी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक 2018 के रकबर खान लिंचिंग मामले में विशेष सरकारी वकील नासिर अली नकवी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार की रकबर खान केस लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है और उनका बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. मालूम हो कि 20- 21 जुलाई 2018 को अलवर के लालवंडी में रकबर खान की कथित गोरक्षकों ने पिटाई की थी जिसके बाद रकबर खान की अस्पताल में मौत हो गई थी. वहीं इस दौरान रकबर का दूसरा साथी असलम मौके से फरार हो गया था. रकबर की मौत के बाद राज्य में हंगामा मच गया था और तत्कालीन गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया सहित राजस्थान के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने उस दौरान घटनास्थल का दौरा कर न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.

सरकार नहीं ले रही केस में दिलचस्पी : वकील

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अलवर के पुलिस अधीक्षक को संबोधित करते हुए एक पत्र में नकवी ने कहा है कि मेरी फीस और आने जाने का खर्चा काफी समय से लंबित हैं और मेरे बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी फीस का भुगतान नहीं किया गया है. नकवी ने आगे लिखा है कि मैं जयपुर में रहता हूं और मामले के फैसले के बाद मेरे लिए अपने बिलों के भुगतान के लिए अलवर आना संभव नहीं होगा. नकवी ने कहा है कि उनेहोंने 2022 में जिला कलेक्टर को भी एक पत्र लिखकर कहा था कि ऐसा लगता है कि सरकार को इस केस में कोई दिलचस्पी नहीं है और आप आरोपियों को रिहा करना चाहते हैं. वहीं इसके बाद एक एडीएम और एक तहसीलदार को नियुक्त किया गया था. नकवी ने बताया है कि पूर्व में अलवर की एसपी तेजस्वनी गौतम ने उनकी सहायता के लिए एक अतिरिक्त एसपी की नियुक्ति की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली तीन सुनवाई के दौरान प्रशासन के रवैये और उनकी फीस का भुगतान नहीं करने से ऐसा लगता है कि प्रशासन को इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं है. नकवी ने बताया कि मेरी फीस गृह विभाग, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है, से आती है लेकिन जब भी मैं पूछता हूं जिला प्रशासन की ओर से जवाब मिलता है कि अभी फंड नहीं मिला है.

2018 में हुई थी रकबर की हत्या

वहीं रकबर मामले की वर्तमान स्थिति यह है कि अभियोजन पक्ष ने 67 गवाहों के बयान हो चुके हैं और अब बचाव पक्ष के गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि 31 वर्षीय रकबर खान, 20-21 जुलाई, 2018 के बीच 32 वर्षीय असलम खान के साथ रात में गायों को पैदल ले जा रहा था जहां दोनों को अलवर के रामगढ़ थाने के अंतर्गत लालवंडी में कुछ ग्रामीणों द्वारा कथित रूप से रोककर पीटा गया. वहीं असलम वहां से भागने में सफल रहा. फरवरी 2021 में, रकबर की मां हबीबन और असलम ने जिला और सत्र न्यायाधीश, अलवर की अदालत में अपने केस को ट्रांसफर करने के लिए एक अपील दाखिल की जिसमें कहा गया था कि उन्हें एडीजे कोर्ट से कोई उम्मीद नहीं है. इसके बाद ही राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ वकील नकवी को एसपीपी नियुक्त किया था. बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील नकवी राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में इसके सदस्य हैं. वह बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष भी रहे हैं.

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