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अलवर: चुनावी साल में राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक झटके में 19 नए जिलों का गठन कर दिया. बजट सत्र में हुए इस ऐलान से संबंधित जिलों में खुशी है, लेकिन उन जिलों में नाराजगी भी है, जहां लंबे समय से इस तरह की घोषणा की उम्मीद की जा रही थी. इसके लिए संघर्ष भी हो रहा था. इन्हीं में से अलवर का सब डिवीजन भिवाड़ी भी शामिल है.भिवाड़ी को जिला नहीं बनाए जाने पर तिजारा विधायक और राजस्थान सब रीजन(NCR) इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट बोर्ड (RSRIDB) चेयरमैन संदीप यादव ने नाराजगी जताई है.विधायक संदीप यादव ने बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि उन्होंने विकास के नाम पर गहलोत सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है. कहा कि वह लंबे समय से भिवाड़ी या तिजारा को जिला बनाने की मांग कर रहे थे.वह बार बार तर्क भी दे रहे थे कि भिवाड़ी जिला बनाने की सभी शर्तों को पूरा भी कर रहा है. यह प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक राजस्व पैदा करने वाला औद्योगिक क्षेत्र है और यहां पहले से सभी जिला स्तरीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं.
बावजूद इसके, सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया. इससे उनके क्षेत्र की जनता को गहरा आघात लगा है. बता दें कि विधायक संदीप यादव बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. वह उन छह विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने बसपा छोड़ कर कांग्रेस का चोला ओढ़ लिया था और सरकार में शामिल हो गए थे. लेकिन अब वह कह रहे हैं कि यह उनकी गलती थी. विधायक संदीप यादव ने कहा कि गहलोत सरकार को समर्थन देने का मुख्य उद्देश्य ही भिवाड़ी या तिजारा को जिला बनाना था.इसके लिए गहलोत सरकार ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन आखिर में उनकी मांग नहीं मानी गई.ऐसे में अब सरकार की ओर से मनोनीत पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. संदीप यादव के मुताबिक अलवर जिले में भिवाड़ी और तिजारा जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर है. ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को छोटे मोटे काम के लिए जिला मुख्यालय जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे हालात को देखते हुए भिवाड़ी को जिला बनाने की योजना पर कई साल से काम चल रहा है. यहां सभी जिला स्तरीय कार्यालय भी लगभग संचालित हो रहे हैं, लेकिन सरकार की इस घोषणा से एक बार फिर इस क्षेत्र का झटका लगा है.