Report Times
latestOtherजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

सचिन पायलट समझ गए बदलती हवा का रुख! क्या गहलोत के साथ कांग्रेस से भी हुआ मोहभंग?

REPORT TIMES 

Advertisement

जयपुर: राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद कांग्रेसी नेता देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं और दिल्ली से लेकर राजस्थान तक अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. राज्य के सीएम अशोक गहलोत भी सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद से लगातार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं. इस बीच राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की पब्लिक अपीयरेंस कम होने और दिल्ली में नेताओं के साथ दिखाई नहीं देने को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. दरअसल राजस्थान में पिछले काफी समय से पायलट कैंप की ओर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई जा रही थी लेकिन आलाकमान अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं कर पाया है. वहीं अब चुनावों से महज 7-8 महीने पहले सीएम बदलने को लेकर कुछ आसार बनते नजर नहीं आ रहे हैं. इधर राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग ठंडे बस्ते में जाने का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पायलट समर्थक इन दिनों खामोशी धारण किए हुए हैं और नए जिलों की घोषणा के बाद गहलोत समर्थकों पूरे जोश में है और गहलोत के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का दावा ठोक रहे हैं. पायलट समर्थकों की इस खामोशी पर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव एकदम नजदीक है और अब नेतृत्व परिवर्तन की मांग का कोई औचित्य नहीं रहा है और अब असली खेल टिकट वितरण को लेकर शुरू होगा. वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि क्या पायलट का गहलोत से खींचतान के बाद कांग्रेस से भी मोहभंग हो गया है. वहीं दूसरी ओर काफी दिनों से पायलट के पार्टी बदलने की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में चल रही है.

Advertisement

Advertisement

डेमोक्रेसी डिस्क्वालिफाई प्रेस कांफ्रेंस से पायलट गायब

Advertisement

वहीं राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद पार्टी की ओर से चलाए गए डेमोक्रेसी डिस्क्वालिफाई सीरीज कार्यक्रम में पार्टी के नेताओं को देश के अलग-अलग शहरों में जाकर प्रेस कांफ्रेंस करने की जिम्मेदारी दी गई है जिसमें अशोक गहलोत भी शामिल है लेकिन सचिन पायलट का नाम गायब है जिसके बाद कांग्रेसी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. मालूम हो कि सचिन पायलट की पहचान एक बेहतर वक्ता के रूप में रही है और इससे पहले भी उन्हें कई राज्यों में चुनावों के दौरान अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई है. कांग्रेस आलाकमान ने हाल में हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी पायलट को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी.

Advertisement

पायलट समर्थक भी हो गए खामोश!

Advertisement

मालूम हो कि राजस्थान में 2020 में सचिन पायलट की बगावत के बाद से लगातार पायलट समर्थन सचिन को सीएम बनाने की मांग करते रहे हैं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस मांग ने तूल पकड़ लिया था जिसके बाद गहलोत और पायलट के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई थी. हालांकि उस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि गहलोत और पायलट दोनों ही पार्टी के एसेट हैं. हालांकि हाल में पायलट खेमे के विधायक मुकेश भाकर ने विधायक दल की बैठक फिर से बुलाने की मांग जरूर उठाई थी लेकिन उस पर इतना हंगामा नहीं हुआ. बीते साल 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का गहलोत कैंप ने बहिष्कार कर दिया था जिसको लेकर बताया गया कि इसी बैठक में सचिन पायलट को सीएम बनाने का एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाना था.

Advertisement

जयपुर में नेताओं के नदारद होने पर बरसे थे डोटासरा

Advertisement

इधर राहुल गांधी के समर्थन में हाल में जयपुर में कांग्रेस का संकल्प सत्याग्रह रखा गया जिसमें कई नेताओं की गैरमौजूदगी पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के मुखिया गोविंद सिंह डोटासरा ने नाराजगी जाहिर की थी. सत्याग्रह का ऐलान करने के बाद भी कुछ नेताओं के रुचि नहीं लेने पर पीसीसी अध्यक्ष नाराज हुए. इस दौरान डोटासरा ने कहा कि जो नेता खुलकर विरोध नहीं कर रहे और पर्दे के पीछे हैं, उन सब पर नजर है और मैं दावा करता हूं कि 6 महीने बाद वह कांग्रेस में नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता चली गई और अब भी किसी कांग्रेसी का खून नहीं खौलता तो वो कांग्रेसी नहीं है.

Advertisement
Advertisement

Related posts

पुत्र की शादी में नहीं लिया दहेज, उल्टा बहू को मुंह दिखाई में दी गाड़ी ; रतेरवाल परिवार के शादी समारोह में अनूठा उदाहरण

Report Times

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वी सी राज बहादुर का इस्तीफा किया मंजूर

Report Times

महाराष्ट्र में ‘खोके’ वाली सरकार, उद्धव बोले- डरा-धमका कर कोई भी बन सकता है CM-PM

Report Times

Leave a Comment