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बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में प्रशासन ने एक राहत भरा फैसला लिया है जहां सामाजिक कार्यक्रमों सार्वजिक स्थलों पर डिस्क जॉकी (DJ) के जरिए तेज आवाज में संगीत बजाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. जानकारी के मुताबिक फरवरी में जिले के स्थानीय लोगों ने तेज़ आवाज़ में संगीत बजाने को लेकर पूरी तरह से रोक लगाने की अपील की थी. वहीं लोगों ने एक शांति समिति के गठन करने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद जिला प्रशासन ने अब समिति के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए डीजे पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. मालूम हो कि आजकल सार्वजनिक और निजी शादी समारोहों में तेज़ आवाज़ में संगीत और डीजे बजाना बहुत सामान्य बात हो गई है जो कई लोगों के लिए परेशानी का भी सबब बन जाती है. वहीं बूंदी के जिलाधिकारी रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि प्रशासन के इस कदम से जिले में पारंपरिक बैंड कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार पैदा करने के साथ ही पारंपरिक संगीत संस्कृति का भी संरक्षण होगा. उन्होंने बताया कि इस प्रतिबंध से बच्चों, छात्रों और बुजुर्गों को होने वाली कई तरह की असुविधाओं से भी राहत मिलेगी.
पहला जिला जहां लगा DJ पर बैन
बता दें कि हाल में हिंदू नववर्ष और रामनवमी जैसे मौकों पर जिले में कई जगहों पर पारंपरिक बैंड के साथ एक दर्जन से अधिक जुलूस निकाले गए जिनमें कई जगह डीजे इस्तेमाल किए गए. प्रशासन के इस फैसले पर जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने दावा किया कि बूंदी अब राजस्थान का पहला जिला बन गया है जहां स्थानीय लोगों की आपसी भागीदारी से ही डीजे पर बैन लगाया जा चुका है.वहीं डीजे पर बैन लगने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 85 डीबीए या उससे अधिक की कोई भी ध्वनि की आवाज लगातार सुनने से कानों के सुनने की क्षमता को भारी नुकसान पहुंचता है. वहीं आजकल बजने वाले डीजे से 100 डेसिबल या उससे अधिक की आवाज निकलती है जो काफी नुकसानदायक है.