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राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की बात कही थी. जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने पायलट के इस कदम पर आपत्ति जताई है. ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट के इस रुख से सियासत बदल सकती है. पायलट के अनशन ने कांग्रेस समेत बीजेपी की भी टेंशन बढ़ गई है.
जयपुर में रविवार को सचिन पायलट ने मीडिया के सामने पिछली वसुंधरा सरकार को घेरा. लेकिन, इस दौरान गहलोत सरकार को भी निशाने पर लिया. पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार में भ्रष्टाचार के कई मामले देखे आए. उनपर एक्शन होना चाहिए था, पर गहलोत सरकार चुप्पी साध गई. सीएम ने कोई एक्शन नहीं लिया. पायलट ने कहा इसको लेकर मैंने सीएम अशोक गहलोत को दो पत्र भी लिखे. उनसे गुजारिश की थी कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जाए. पायलट के मुताबिक, पहला लेटर 28 मार्च 2022 को और दूसरा लेटर 2 नवंबर 2022 को लिखा था.पायलट ने आरोप लगाया था कि अवैध खनन और शराब माफियाओं के हौसले प्रदेश की पिछली बीजेपी सरकार में बुलंद थे. वसुंघरा राजे का पूरा कार्यकाल सबसे भ्रष्ट रहा. यह सभी जानते हैं. हमारी सरकार बनी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, पायलट ने कहा कि मैं प्रदेश सरकार पर कोई आरोप नहीं लगा रहा, बस कोशिश है कि सारी बातें पब्लिक डोमेन में जाएं.सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेद कई बार उजागर हुए हैं. सीएम अशोक गहलोत सचिन पायलट को लेकर ये आरोप लगा चुके हैं कि पायलट ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है. वह सरकार गिराने की साजिश रच चुके हैं. ऐसे में प्रदेश की जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगी.