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जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है जहां राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ करप्शन के मामलों में एक्शन नहीं करने पर अनशन पर बैठ रहे हैं. कांग्रेस राज में पिछले दशक में किसी नेता के अनशन करने का यह पहला मामला है. मिली जानकारी के मुताबिक पायलट अपने कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को सुबह 11 बजे से जयपुर के शहीद स्मारक पर पहुंचेंगे और शाम 4 बजे तक अनशन पर बैठेंगे. वहीं इस दौरान अनशन में उनके आम समर्थक भी मौजूद रहेंगे.वहीं पायलट के अनशन को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पार्टी विरोधी करार दिया है. इधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट हाईकमान को खुली चुनौती दे रहे हैं और उनका दिन भर का अनशन कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. वहीं इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा जयपुर नहीं पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी रंधावा का जयपुर दौरा अपरिहार्य कारणों टल गया है. मालूम हो कि पायलट ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने का ऐलान किया था जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की भ्रष्टाचार को लेकर साठगांठ होने के संगीन आरोप लगाए थे. वहीं पायलट ने कहा था कि सीएम रहते हुए गहलोत ने राजे सरकार के घोटालों पर कोई भी एक्शन नहीं लिया.
पायलट को मिला ‘आप’ का साथ
वहीं पायलट के अनशन को लेकर आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रभारीविनय मिश्रा ने ट्वीट कर कहा है कि ‘आज अगर राजस्थान को किसी ने लूटा है तो वो वसुंधरा जी और अशोक गहलोत जी का अटूट गठबंधन है, जिसके कारण राजस्थान पर देश में सबसे ज्यादा 5 लाख करोड़ का कर्ज है, मैं इस बात को हमेशा से कहता आ रहा हूं की कांग्रेस और बीजेपी का अटूट गठबंधन है. उन्होनें कहा कि मैं राजस्थान की जनता से आग्रह करता हूं आज एक पढ़ा लिखा नौजवान सचिन पायलट इनके राजे और गहलोत के गठबंधन को उजागर कर रहा है तो राजस्थान की जनता को उनका साथ देना चाहिए. वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट के अनशन को लेकर कहा कि राजस्थान सरकार का अंतर्कलह चरम पर है और जिस व्यक्ति ने सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी वह आज अनशन पर बैठा है. राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस की ताबूत में आखिरी कील होगा.
अनशन के फैसले पर अडिग है पायलट
दरअसल कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट को अनशन पर बैठने से रोकने के लिए तमाम कोशिशें की गई हैं और प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने अनशन पर बैठने को गलत बताया है. रंधावा ने कहा कि राजस्थान में पूर्व बीजेपी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जा रही है और पार्टी के मंच पर पायलट अपनी बात रख सकते थे.वहीं बताया जा रहा है कि पायलट अपने अनशन के फैसले पर अडिग बने हुए हैं. इधर सचिन पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ अडिग रहते हुए अनशन करने के बाद सियासी गलियारों उनके अगले राजनीतिक कदम की चर्चाएं जोरों पर है. पायलट के कांग्रेस छोड़कर खुद की पार्टी बनाने की संभावना के अलावा तीसरे मोर्चा बनाने की अटकलों को भी बल मिल रहा है.
अनशन के बाद करेंगे अगला दांव साफ!
वहीं बताया जा रहा है कि पायलट अनशन खत्म करने के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने अनशन शुरू करने के बाद से अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है और वह मौन धारण किए बैठे हैं. वहीं पायलट के अनशन की घोषणा करने के बाद से ही उनको आलाकमान का साथ नहीं मिल रहा है.पायलट के इस कदम को कांग्रेस आलाकमान ने गंभीरता से नहीं लिया है और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने साफ कर दिया है कि उन्हें सरकार के खिलाफ स्टैंड नहीं लेना चाहिए था. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा सोमवार को मानेसर की घटना को याद करते हुए पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि हम 2020 में चुनी हुई सरकार गिराने के मामले की जांच करवा रहे हैं. वहीं जयराम रमेश ने अनशन की घोषणा के बाद कहा था कि हम गहलोत सरकार की उपलब्धियों को लेकर ही चुनावों में उतरेंगे.