REPORT TIMES
नागपुर: इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद आरडीएक्स पुलवामा में पहुंचा कैसे? यह एक बड़ा सवाल है. हमारे 40 जवानों की हत्या हुई और सरकार चुप बैठी. और किसी देश में ऐसा होता तो संबंधित मंत्री का कोर्ट मार्शल होता. इसका मतलब यही है कि इस सरकार के मन में देश के जवानों के लिए कोई भावना नहीं है. पुलवामा हमले को लेकर तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खुलासे के बाद ठाकरे गुट नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यह सवाल उठाया है.संजय राउत फिलहाल रविवार को होने वाली महाविकास आघाड़ी की संयुक्त सभा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए नागपुर में हैं. वहीं पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आज (शनिवार, 15 अप्रैल) यह सवाल उठाया. संजय राउत ने सवाल किया कि पहले पुलवामा में जवानों की हत्या हो और बाद में उस पर राजनीति करके चुनाव जीते जाएं. यही योजना थी क्या?
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ये उठाए थे सवाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में पुलवामा हमले के लिए सीधे मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मुद्दे पर उन्हें चुप रहने की नसीहत दी गई थी. इसी पर संजय राउत ने आज अपनी प्रतिक्रिया दी है. सत्यपाल मलिक ने कहा था कि सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृहमंत्रालय से विमानों की मांग की थी. पर यह मांग नकार दी गई थी. सत्यपाल मलिक ने कहा कि उनसे पूछा जाता तो वे जवानों की सुरक्षा के लिए जरूर एयरक्राफ्ट उपलब्ध करवाने की कोशिश करते. सिर्फ पांच विमानों की जरूरत थी. सत्यपाल मलिक का कहना है कि उन्होंने उसी दिन शाम को यह बताया कि पुलवामा हमला अपनी (सरकार की) गलतियों की वजह से हुआ है. लेकिन उन्हें चुप रहने को कहा गया.
इसके बाद संजय राउत ने भी किए कई गंभीर सवाल
इसके बाद संजय राउत ने भी आज सुबह सत्यपाल मलिक के खुलासे पर अपनी प्रतिकियाएं देते हुए कहा कि यह कोई बड़ा खुलासा नहीं है. यह तो देश को पहले से ही मालूम था कि पुलवामा हमले में कुछ तो घोटाला हुआ है. चुनाव जीतने के लिए सत्ताधारियों की ओर से कुछ ना कुछ गड़बड़ी की जाएगी, इसकी आशंका पहले से ही थी.
‘पुलवामा में 300 किलो RDX पहुंचा कैसे? जवानों को विमान क्यों नहीं दिलवाए?’
संजय राउत ने कहा, ‘हमने ये सवाल बार-बार उठाए कि पुलवामा में 300 किलो आरडीएक्स पहुंचा कैसे? पुलवामा में सड़क मार्ग से कभी सुरक्षाकर्मी सफर नहीं करते हैं. उन्हें विमान क्यों नहीं दिए गए? या फिर उनकी पुलवामा में हत्या करवा कर बाद में उसका इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए किया जाना था? इस सरकार के खिलाफ देशद्रोह का केस चलना चाहिए.’