REPORT TIMES
नई दिल्लीः कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे भारतीय पहलवानों को अभी तक कई तरह की बातें सुनने को मिली हैं. कुछ उनके पक्ष में तो कुछ उनके खिलाफ. इसके बावजूद उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष और महान एथलीट पीटी ऊषा उनके खिलाफ बयानबाजी करेंगी. IOA अध्यक्ष ने पहलवानों के धरने को अनुशासनहीनता और खेलों की प्रतिष्ठा खराब करने वाला बताया है.जनवरी में पहली बार धरने पर बैठे बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे दिग्गज भारतीय पहलवान तीन महीने बाद फिर से लौट आए. पहले धरने के बावजूद WFI अध्यक्ष के खिलाफ एक्शन की मांग पूरी नहीं होने के बाद पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए.
‘पहलाव देश की छवि बिगाड़ रहे’
पहलवानों के इस धरने ने एक बार फिर सबका ध्यान खींचा है और ऐसे में केंद्र सरकार से लेकर खेल मंत्रालय पर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं, साथ ही IOA पर भी सवाल उठ रहे हैं. लगातार बढ़ते विवाद के बीच आईओए अध्यक्ष पीटी उषा के बयान ने आंदोलनकारी पहलवानों को सकते में डाल दिया है. पीटी उषा ने गुरुवार को IOA की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि आंदोलनकारी पहलवान देश की छवि बिगाड़ रहे हैं और उनकी ये हरकत अनुशासनहीनता के समान है.
उषा के बयान से निराश पहलवान
अब जाहिर तौर पर धरने पर बैठे पहलवानों के लिए इस तरह का बयान चौंकाने वाला है क्योंकि पीटी उषा अपने आप में एक एथलीट रही हैं. धरने पर बैठे ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने अपनी हैरानी और निराशा जाहिर की. पुनिया ने कहा कि उन्हें IOA अध्यक्ष से समर्थन की उम्मीद थी और उनका इतना कड़ा बयान चौंकाने वाला है.
एड-हॉक कमेटी का गठन
वहीं खेल मंत्रालय के आदेश के बाद IOA ने एक एड-हॉक कमेटी का गठन कर दिया है, जो WFI के रोजाना के काम-काज पर ध्यान रखेगी. इस कमेटी में पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर और भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा को शामिल किया गया है. इन दोनों के अलावा हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को भी शामिल किया जाएगा. हालांकि उनके नाम पर फैसला नहीं हो सका है. रोजाना के काम-काज के अलावा ये कमेटी अगले 45 दिनों में फेडरेशन के चुनाव भी पूरे करवाएगी.