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जयपुर: राजस्थान सरकार जहां चुनावों से पहले महंगाई राहत कैंप लगाकर जनता को राहत देने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज की मार पड़ रही है. जानकारी के मुताबिक राज्य में एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ने वाले हैं जहां सरकार प्रदेश के उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूलने जा रही है जिसके बाद आने वाले 3 महीनों तक घरों में बिजली का ज्यादा बिल आएगा. बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने अगले तीन महीने के लिए 45 पैसे एक यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज लेगी जिसके बाद हर बिजली उपभोक्ता को अब 100 यूनिट बिजली की खपत पर अतिरिक्त 45 रुपए देंने होंगे.इधर गहलोत सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने हमला बोला है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि राज्य सरकार कोयला खरीद में भ्रष्टाचार करके महंगाई से त्रस्त जनता के सामने आग में घी डालने का काम कर रही है. राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत कैम्प से राहत देने का झुनझुना बजाने वाली सरकार ने प्रदेश के 1.39 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूलने की तैयारी कर ली है.
किसका ज्यादा आएगा बिजली बिल
बता दें कि सरकार की ओर से हर यूनिट के हिसाब से लिए जा रहे फ्यूल सरचार्ज का पैसा कुल बिजली के बिल में जुड़कर आएगा. यह फ्यूल सरचार्ज तीन महीनों तक वसूला जाएगा. वहीं बताया गया है कि फ्यूल सरचार्ज उन्हीं उपभोक्ताओं के वसूला जाएगा जिनके यहां हर महीने 50 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत होती है. इसके अलावा हर महीने 50 यूनिट तक या उससे कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं और किसानों के सिंचाई कनेक्शन पर अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज नहीं देना होगा.
कोयले की वजह से वसूल जा रहा सरचार्ज
बता दें कि सरकार की ओर से फ्यूल सरचार्ज पिछले साल अप्रैल से लेकर जून में खरीदी गई महंगी दरों के कोयले के चलते लिया जा रहा है. बिजली कंपनियों का कहना है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति नहीं होने के बाद महानदी कोल माइंस से सरकार ने महंगा कोयला लिया था.