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जयपुर: राजस्थान की सियासत में इन दिनों चुनावी रंग जमा हुआ है जहां बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही दलों के दिग्गज चेहरे चुनावी तैयारियों को लेकर जुटे हुए हैं. कांग्रेस से जहां सीएम अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाल रखा है वहीं बीजेपी के नेता विपक्ष के नाते जन आक्रोश सभाओं से सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं सीएम फेस को लेकर चर्चा शुरू हो गई है जहां कांग्रेस की कलह तो जगजाहिर ही है, इधर बीजेपी ने भी अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं. फिलहाल सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा उत्सुकता पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर है जिनके अगले दांव का हर कोई इंतजार कर रहा है. फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री राजे अपने निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ के 6 दिन के दौरे पर है जहां वह गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रही हैं. इसके अलावा राजे कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग ले रही है. राजे के दौरे से उन्होंने एक बार फिर संकेत दिए हैं कि इस बार भी वह झालावाड़ जिले की झालारापाटन सीट से ही चुनावी मैदान में उतरेंगी.
झालारापाटन सीट से ही लड़ेंगी राजे!
दरअसल चुनावों से पहले राजे हर बार राजस्थान का दौरा करती है जहां वह गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क साधती है. हालांकि इस बार चुनावों के कुछ महीनों पहले तक अभी ऐसा देखने को नहीं मिला है. वहीं बीते दिनों राजे ने जरूर कई दौरे किए थे. इधर वर्तमान में राजे झालावाड़ जिले के दौरे पर है जहां उन्होंने संकेत दिए हैं कि वह एक बार फिर झालारापाटन सीट से ही चुनावी हुंकार भरेगी.बता दें कि वसुंधरा राजे का झालारापाटन सीट पर सिक्का चलता है जहां 2018 में राजे और कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह के बीच टक्कर हुई थी जिसमें राजे ने मानवेंद्र को 33 हजार से ज्यादा वोटों से पटखनी दी थी. इसके अलावा राजे के बीते दिनों के बयान पर गौर करें तो उनके तेवर अभी भी बरकरार है लेकिन बीजेपी आलाकमान की ओर से अभी किसी तरह के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
राजे के पास समर्थकों की ताकत
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीते दिनों अलग-अलग जगहों पर दौरे हुए जहां उन्होंने अपने समर्थकों को साफ संदेश देते हुए उन पर भरोसा जताया है. जानकारों का कहना है कि राजे अभी भी राजस्थान में पॉपुलर चेहरा है और उनके बिना बीजेपी का चुनावी मैदान में उतरना भारी पड़ सकता है. मालूम हो कि राजे समर्थक काफी समय से कहते रहे हैं कि अगर राज्य में फिर से सरकार लानी है तो राजे को राजस्थान की कमान देनी चाहिए. हालांकि आलाकमान की ओर से कई नेताओं ने कहा है कि राजस्थान में बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे और कमल के निशान पर चुनाव लड़ेगी.
कर्नाटक चुनाव के बाद छटेंगे बादल!
दरअसल अभी कर्नाटक में विधानसभा चुनावों का माहौल है जहां बीजेपी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रचार में ताकत झोंक रखी है. जानकारों का कहना है कि कर्नाटक चुनावों के बाद ही अब राजस्थान को लेकर कुछ तस्वीर साफ हो सकती है. वहीं राजे की चुप्पी भी उसी से जोड़कर देखी जा रही है.