REPORT TIMES
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. फिल्म के मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बंगाल सरकार की ओर से लगी रोक हटाने और तमिलनाडु सरकार से राज्य के सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान कराने के लिए निर्देश देने की मांग की है.सोमवार को ममता बनर्जी सरकार ने नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने का हवाला देते हुए राज्य में इस फिल्म को दिखाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. इसी के साथ पश्चिम बंगाल वो पहला राज्य है जिसने इस फिल्म को दिखाने पर रोक लगाई है. वहीं, तमिलनाडु में सिनेमाघरों के मालिकों ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म को दिखाने से इनकार कर दिया है. ममता सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने कहा कि वे टीएमसी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. वहीं, फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि चार दिन से बंगाल में फिल्म हाउसफुल चल रही थी. तब तो कानून व्यवस्था जैसे कोई हालात पैदा नहीं हुए.
‘हमने ममता बनर्जी से फिल्म देखने की गुजारिश की थी’
सेन ने आगे कहा कि चार दिन बाद ममता बनर्जी ने अचानक फिल्म पर यह कहते हुए बैन लगा दिया कि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है. जबकि हमने उनसे फिल्म को देखने का अनुरोध भी किया था और कहा था कि आपको इस पर गर्व होगा. फिल्म पर बैन करने के आदेश के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि द कश्मीर फाइल्स समाज के एक वर्ग को अपमानित करने के लिए बनाई गई थी और यह फिल्म द केरल स्टोरी दक्षिणी राज्य को बदनाम करने के लिए बनाई गई है.
क्या है फिल्म की कहानी?
दरअसल, फिल्म में तीन महिलाओं की कहानी दिखाई गई है, जिन्हें शादी के बाद इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और फिर उनकी आईएसआईएस शिविरों में तस्करी की जाती है. फिल्म में अदाह शर्मा, योगिता बिहानी, सिद्धि इडनानी और सोनिया बलानी लीड रोल की भूमिका निभाती हुई नजर आ रही हैं.