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अवैध खनन माफियाओं ने उजाड़ा आशियाना, जैसलमेर में विस्थापित हिंदू परिवारों को हटाने की पीछे की वजह कुछ और?

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राजस्थान के जैसलमेर जिले में डीएम टीना डाबी के आदेश के बाद पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं के आशियाने पर बुलडोजर चलाया गया. उनके इस फैसला से बच्चों समेत 150 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. इसको लेकर टीना डाबी की आलोचना भी हो रही है. टीवी9 भारतवर्ष की टीम जैसलमेर के उस स्थान पर पहुंची, जहां पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं के आशियाने पर बुलडोजर चलाया गया था. बुलडोजर चल जाने के बाद विस्थापित हिंदू परिवार खुले आसमान के नीचे परिवार सहित रहने को मजबूर हैं. अभी तीन दिन पहले ही एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया था. वह भी तीन दिन की बच्ची को लेकर खुले आसमान के नीचे रह रही है. विस्थापित परिवारों ने आरोप लगाए कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और पूजा-पाठ के लिए बनाए गए मंदिर तक को जला दिया.

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जहां रहे रहे विस्थापित हिंदू परिवार, वहां होता है गोल्ड स्टोन का अवैध खनन

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दरअसल, जैसलमेर के इस इलाके में गोल्ड स्टोन का अवैध खनन जोरों पर होता है. अवैध खनन होने के चलते यहां माफिया काफी हावी हैं. खनन माफिया की शिकायत पर जैसलमेर यूआईटी की टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई, लेकिन कार्रवाई डीएम टीना डाबी के आदेश पर की गई तो वह भी चर्चा में आ गईं. यहां पाकिस्तानी विस्थापित करीब 40 परिवारों के घरों को तोड़े गया है, जिससे बूढ़े-बच्चे मिलाकर करीब 150 लोग बेघर हो गए हैं.

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अभी भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर परिवार

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अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिला प्रशासन ने बिना कोई नोटिस दिए ये कार्रवाई कर दी और विस्थापित परिवारों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया. यही नहीं इनके लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई. इससे पता लगता है कि पुलिस और जिला प्रशासन ने इसको लेकर कितनी संवेदनहीनता दिखाई.

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7 दिन में पीड़ित परिवारों को मिल जाएगी दूसरी जगह- DM

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वहीं अब जब मामले ने तूल पकड़ा तो डीएम टीना डाबी ने इस पर अपवी सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आए विस्थापितों से उनकी सकारात्मक वार्ता हुई है. वार्ता के बाद दूसरी जगह देने पर सहमति बनी है. विस्थापित परिवारों ने अपना धरना खत्म कर दिया है. डीएम टीना डाबी ने कहा कि सात दिन में पीड़ित परिवारों को जगह दे दी जाएगी. तब तक जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए रैन बसेरों में इन लोगों हो रखा जाएगा. यहां रहना- खाना सब फ्री है. उन्होंने कहा क इन परिवारों में से जिन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.

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कांग्रेस घर देने का काम करती है, तोड़ने का नहीं

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वहीं मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि यह मेरी जानकारी में नहीं है. कांग्रेस सरकार तो खुद प्रशासन, गांव और शहरों के संग अभियान चला रही है. यह सरकार किसी को उजाड़ नहीं सकती है. लोकल लेवल पर क्या मामला है, यह मेरी जानकारी में नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई चाहे कोई भी हो, मैं किसी का घर तोड़ने के खिलाफ हमेशा खड़ा रहा हूं. हमारी पार्टी तो मकान देने का काम करती है, तोड़ने का नहीं.

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