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देश के प्रमुख पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इस बीच उन्होंने बड़ी चेतावनी दी है. वे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने से खासे नाराज हैं. उन्होंने इसका विरोध करने के लिए रविवार को ‘बड़ा फैसला’ लेने की बात कही है, जो ‘देश के हित में नहीं’ हो सकता है. बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं.पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को और तेज करने के लिए खाप महापंचायत को 21 मई डेडलाइन दी थी, जिसके बाद इस प्रदर्शन को खाप पंचायत आगे बढ़ाएंगे. दरअसल, पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बैठे हुए हैं. BJP सांसद पर 1 नाबालिग सहित 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.पहलवान विनेश फोगट का कहना है कि खाप नेताओं के फैसले से देश को किसानों के आंदोलन की तरह ही नुकसान हो सकता है. ये किसान आंदोलन लगभग 13 महीने तक चला था.
रविवार को अगर बड़े लोग जो भी फैसला लेंगे वो काफी बड़ा हो सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि ये फैसला देश में न हो. ये एक आसान लड़ाई नहीं रही है और पहलवानों को भी ट्रेनिंग और कॉम्पटीशन से चूकने के मामले में बहुत कुछ सहना पड़ा.
पहलवान 23 मई को इंडिया गेट पर निकालेंगे कैंडल-लाइट मार्च
विनेश फोगाट ने कहा, ‘उन्होंने भी बहुत कुछ झेला है. जो मुद्दा एक मिनट में हल हो सकता था उसमें एक महीना लग गया… किसान आंदोलन 13 महीने तक चला और निश्चित रूप से देश को नुकसान पहुंचा, इसलिए अगर कोई और आंदोलन होता है तो निश्चित रूप से देश भुगतेगा.’ वहीं, बजरंग पुनिया का कहना है कि 23 मई को इंडिया गेट पर कैंडल-लाइट मार्च किया जाएगा, जोकि शाम 4 बजे से शुरू होगा. पहलवानों ने बताया है कि वे मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च हर जगह न्याय के लिए अपना मैसेज लेकर जाएंगे.