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जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में योजना भवन में मिले करोड़ों के कैश और सोने के बिस्किट मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. सरकारी दफ्तर से भारी मात्रा में ब्लैक मनी की बरामदगी पर DOIT के अधिकारी वेद प्रकाश यादव (Ved Prakash Yadav) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही उन्हें विभाग ने निलंबित कर दिया है. रिश्वत की राशि रखने का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. इसके बाद जयपुर कमिश्नरेट की विशेष टीम ने आरोपी अधिकारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.सीसीटीवी फुटेज में दिखा था कि अधिकारी एक अलमारी में एक सूटकेस रख रहा है. दावा किया जा रहा है कि इसी सूटकेस में कैश रखे गए थे.
2 करोड़ 31 लाख रुपए मिले थे
अधिकारियों के मुताबिक, जिस कंपनी ने ये रिश्वत दिए थे, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि जयपुर में सचिवालय के पास स्थित योजना भवन में 2 करोड़ 31 लाख रुपए की बरामदगी हुई थी. वहीं, 1 किलो सोना मिला था. बरामद सोने की कीमत लगभग 60 लाख बताई जा रही है. बरामद नोट में पांच सौ के सबसे ज्यादा नोट 17,107 थे. वहीं, 2000 के 7,298 नोटों बरामदगी हुई थी.
बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हमलावर
हालांकि, इस पूरी घटना पर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दिग्गज भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सरकार की हर योजना में भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. सरकारी दफ्तर ब्लैक मनी छिपाने की जगह बन गए हैं.बता दें कि 19 मई की रात इन नोटों को योजना भवन के कार्यालय से जब्त किया गया है. वहीं, जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने एसीबी को एक रिपोर्ट मामले से संबंधित सौंपी है. इसी को आधार बनाते हुए भ्रष्टाचार के धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. अफसर वेदप्रकाश की नियुक्ति 25 साल पहले बतौर सूचना सहायक- प्रोग्रामर के पद पर हुई थी. इस बीच, उसे कई प्रमोशन मिले और वहएनालिस्ट जॉइंट डायरेक्टर बन गया.