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जींद: हरियाणा में भले ही जेजेपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार हो, लेकिन दोनों ही पार्टियों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दोनों पार्टी आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ लड़ेगी इस को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है. इसी बीच खबर आ रही है कि जेजेपी कोटे से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जींद जिले में आने वाली उचाना विधानसभा सीट को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है.पूरा मामला शुरू हुआ रविवार को जींद में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम से. इस कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के प्रदेश प्रभारी विप्लव देव ने शिरकत की.उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को उचाना सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया और कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बीच उचाना से प्रेमलता जी को ही विधायक बनाकर भेजना है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी प्रेमलता ने उचाना विधानसभा सीट से ही बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वो जेजेपी उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला से चुनाव हार गई थी. हालांकि चुनाव के बाद दोनों पार्टियों में सरकार बनाने को लेकर गठबंधन हो गया था.
फिर उचाना से चुनावी मैदान में उतरेंगे विप्लव देव
इसका जवाब दुष्यंत चौटाला ने भी अपने ही अंदाज में दिया. उन्होंने कहा कि वो उचाना से ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे और उसके बाद डिप्टी सीएम बने हैं, और आने वाले विधानसभा में फिर उचाना से ही चुनाव मैदान में उतरेंगे और इसे लेकर अगर किसी को पेट में दर्द होता है तो होता रहे. दुष्यंत चौटाला के बयान पर बीजेपी नेता विप्लव देव ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जेजेपी ने अगर बीजेपी को समर्थन दिया तो कोई एहसान नहीं दिया किया है. इसके बदले में जेजेपी के विधायकों को मंत्री पद दिए गए और वो सरकार में सहयोगी रहे हैं और सत्ता का सुख भी उठा रहे हैं.
हरियाणा शुगरफेड के चेयरमैन ने दिया इस्तीफा
हरियाणा शुगरफेड के चेयरमैन और शाहबाद से जेजेपी के विधायक रामकरण काला ने शुगरफेड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज और एमएसपी पर किसानों से सूरजमुखी की फसल ना खरीदे जाने के मुद्दे पर नाराजगी जताई है. उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेज दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया है. जबकि बीचचीत के जारिए भी चीजें सुलझाई जा सकती थी. बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दोनों ही अपने पार्टियों के लिए प्रचार करने के लिए मैदान में जुटे है. लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेता जिस तरह बयानबाजी कर रहे है उसको देखकर लग रहा है आने वाले चुनाव में इनका गठबंधन होना मुश्किल है.