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नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बीते ढाई साल में क्षेत्र के किसानों को 71 लाख रुपये की चाय पिलाई है. जी हां, यह मजाक नहीं, हकीकत है. इस बात का प्रमाण ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा दिया गया आरटीआई का जवाब है. इसमें प्राधिकरण ने बताया कि जनवरी 2020 से लेकर जून 2022 तक किसानों के साथ बैठकों में चाय नाश्ते पर 70 लाख 98 हजार 564 रुपये खर्च हुए हैं. इन बैठकों में किसानों को चाय के साथ नाश्ता भी दिया गया है. इसमें प्राधिकरण कार्यालय में हुई शासकीय बैठकों और समीक्षा बैठकों के दौरान हुए चाय नाश्ते का खर्च भी शामिल है.बता दें कि ग्रेटर नोएडा के तिलपता करनवास गांव के रहने वाले किसान सागर खारी ने पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सूचना का अधिकार कानून के तहत सवाल किया था. उन्होंने अथॉरिटी से इस कानून के तहत अथॉरिटी के मुख्य कार्यालय में साल 2021 से लेकर जून 2022 तक बिजली बिल, बिजली की खपत का महीनेवार ब्यौरा मांगा था. इसी के साथ उन्होंने साल 2020 से जून 2022 तक प्राधिकरण कार्यालय चाय नाश्ते हुए खर्च का ब्यौरा भी देने को कहा था.
उन्होंने प्राधिकरण कार्यालय में यह आरटीआई 13 जुलाई 2022 को लगाई थी. इसक जवाब प्राधिकरण ने अब दिया है. इसमें प्राधिकरण ने चाय नाश्ते का खर्च बताते हुए कहा है कि इस अवधि में किसानों के मुद्दे सुलझाने के लिए लगातार बैठकें हुई हैं. इसके अलावा कुछ बैठकें शासकीय तो कुछ समीक्षा बैठकें भी हुई हैं. इन सभी बैठकों में चाय नाश्ते और जलपान आदि पर करीब 71 लाख रुपये खर्च हुए हैं. प्राधिकरण ने किसान सागर खारी को दिए जवाब में बताया है कि सबसे ज्यादा चाय नाश्ता जनवरी 2022 में कराया गया.इस एक महीने में ही तीन लाख 84 हजार रुपये खर्च हो गए. वहीं इसके दो महीने बाद मार्च महीने में 3 लाख 70 हजार रुपये का खर्च केवल चाय नाश्ते पर किया गया है. जबकि मई 2022 में किसानों के साथ बैठकों में चाय नाश्ते पर तीन लाख 45 हजार रुपये खर्च किए गए. प्राधिकरण ने इसी प्रकार कुल 27 महीनों में हुए खर्च का क्रमवार ब्यौरा दिया है. इसमें किसी भी महीने का खर्च एक लाख रुपये से कम नहीं है. उधर, इन दिनों में हुई कुछ बैठकों में शामिल होने वाले किसानों ने इस खर्चे को लेकर आपत्ति भी जताई है. किसानों के मुताबिक बैठक में उन्हें चाय तो मिली तो लेकिन उनके ना पर बिल पूरा चाय नाश्ता और जलपान का फाड़ दिया गया.