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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजधानी भोपाल इलाके में मजारों की बाढ़ सी आ गई है. पहले यहां केवल एक ही मजार होती थी, लेकिन बीते कुछ समय के अंदर ही यहां आधा दर्जन से अधिक मजारें बन गई हैं. यह स्थिति उस समय है जब इस इलाके में लोगों का आवागमन ना के बराबर है. बताया जा रहा है कि यह सारी मजारें अवैध रूप से बनी हैं और इनका उद्देश्य जमीन कब्जाना है. इन मजारों की पूरी खबर प्रशासन के पास भी है, लेकिन सबकुछ जानबूझ कर भी प्रशासन यहां मूकदर्शक बना हुआ है.इस दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत भी की. इसमें पता चला कि कुछ साल पहले तक यहां केवल एक ही मजार हुआ करती थी. लेकिन प्रशासनिक अनदेखी का नाजायज लाभ उठाते हुए लोगों ने यहां अवैध रूप से कई मजारें बना दी हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह सारी मजारें पूरी तरह अवैध है और इनका निर्माण केवल जमीन कब्जाने के लिए किया गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इन मजारों पर चढ़ाई गई सामग्री कलियासोत में बह रहा है.
इससे बांध का पानी भी दूषित हो रहा है. इस संबंध में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. बता दें कि भोपाल के कलियासोत बांध के पास बनी इन मजारों के आसपास सामान्य आवाजाही ना के बराबर है. ऐसे में यहां मजार बनाने का कोई औचित्य भी नहीं है. लेकिन दावा किया जा रहा है कि जमीन कब्जाने के लिए अवैध रूप से इन मजारों का निर्माण किया गया है. बताया जा रहा है कि कलियासोत बांध के पास इसी तरह धीरे धीरे कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है.आलम यह है कि इन मजारों पर हमेशा कुत्ते आराम फरमाते रहते हैं. कई बार वह इन्हीं मजारों पर बैठकर अपने शिकार भी खाते हैं. स्थानीय लोगों ने इस तरह के अतिक्रमण को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई ना होने पर सवाल उठाए हैं. बता दें कि भोपाल को झीलों की नगरी कहा जाता है. यहां जगह जगह तालाब बने हैं और इन तालाबों को स्वच्छ रखने के लिए हर साल बड़े बड़े अभियान भी चलाए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर यह कलियासोत है. इसमें हमेशा इन मजारों पर चढ़ाई जाने वाली सामग्री इसी पानी में बहती रहती है. इससे कलियासोत का पानी भी दूषित हो रहा है.