Report Times
latestOtherकरियरकार्रवाईक्राइमखेलटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदिल्लीदेशराजनीतिस्पेशल

कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल होने से क्या मिल जाएगी बृजभूषण को क्लीन चिट? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

REPORT TIMES 

Advertisement

महिला पहलवान यौन उत्पीड़न विवाद में महीनों से चली आ रही मैराथन में गुरुवार को तब टर्निंग प्वाइंट देखने को मिला जब, मुकदमे की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने ‘पॉक्सो एक्ट‘ वाले मुकदमे में पटियाला हाउस कोर्ट में ‘कैंसिलेशन’ रिपोर्ट दाखिल कर दी. जबकि सड़कों पर महीनों से बवाल मचा रहीं महिला पहलवानों को उम्मीद थी कि दर्ज दो मामलों में से यही एक मुकदमा उनके दुश्मन नंबर-1 और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बीजेपी के दबंग सांसद बृजभूषण शरण सिंह को, हमेशा हमेशा के लिए निपटा कर जेल की काल-कोठरी में डाल देगा. हालांकि अब इस मुकदमें में दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट इस बात की तस्दीक के लिए काफी नहीं है जिसके बलबूते यही समझ लिया जाए कि, कानून का फंदा आरोपी के गले से निकल ही गया है. अभी इस कैंसिलेशन रिपोर्ट की कोर्ट में मंजूरी होना बाकी बचा है.इस मामले में नई दिल्ली जिला पुलिस ने दो अलग-अलग मुकदमे 28 अप्रैल 2023 को कनॉट प्लेस थाने में दर्ज किए थे. एक केस खास तौर से पॉक्सो एक्ट में नाबालिग पहलवान के बयान पर दर्ज हुआ था.

Advertisement

Advertisement

पहलवानों को लगा बड़ा झटका

Advertisement

इसी पॉक्सो एक्ट वाले मुकदमे के बलबूते और धरना प्रदर्शन करके, अपने मेडल तक हरिद्वार गंगा में बहाने जा पहुंची, महिला पहलवान इस जद्दोजहद से जूझ रही थीं कि, पॉक्सो एक्ट की एफआईआर भर दर्ज होते ही दिल्ली पुलिस आरोपी सांसद बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करके जेल में ठूंस देगी. लेकिन हुआ इसका बिल्कुल उलटा. बृजभूषण सिंह की पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तारी की बात तो दूर, पुलिस ने इस मुकदमे में ही ‘कैंसिलेशन-रिपोर्ट’ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल करके, जमाने को तो चौंका ही दिया. जांच एजेंसी के इस जबरदस्त ‘हिट-विकेट’ ने सबसे ज्यादा हालत पतली कर दी आंदोलनकारी महिला पहलवानों की. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर और इस वक्त महिला पहलवान यौन उत्पीड़न विवाद में, आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की पैरोकारी कर रहे डॉ. एपी सिंह ने कहा, “जिस तरह से इन दो मुकदमों में देखने को मिल रहा है. अमूमन ऐसा हिंदुस्तानी अदालतों में कहीं देखने को कम ही मिल पाता है. जब एक ही मुलजिम के खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में से एक में तो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो और दूसरे मुकदमे में कैंसिलेशन रिपोर्ट. सच पूछिए तो यह जांच एजेंसी, कानून और मुलजिम पक्ष के बहुत हित में रहा है. चूंकि दोनों ही मुकदमों में मुलजिम एक ही है.”

Advertisement

‘अब होगा दूध का दूध पानी का पानी’

Advertisement

उन्होंने आगे बताया कि एक मुकदमे में (पॉक्सो एक्ट) मेरे मुवक्किल और मुकदमे के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ, पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है. वहीं दर्ज दूसरे मुकदमे में (आईपीसी की धारा 354 ए व 354 डी) चार्जशीट दाखिल की है. हालांकि इसके बाद बृजभूषण सिंह की तरफ से अगला कदम क्या होगा, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी. डॉ. एपी सिंह ने कहा, अब तक देश-दुनिया में जिन बृजभूषण शरण सिंह के यौन उत्पीड़न के आरोपी होने का ढोल बजाया जा रहा था. वो सब कहानी एक कैंसिलेशन रिपोर्ट ने कोर्ट में ले जाकर एकदम विपरीत दिशा में पलट दी है. हकीकत पूछिए, तो अब तक दिल्ली पुलिस ने दोनों मुकदमों में जो किया है. वह सब सही ही हो रहा है. अब होगा कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी.डॉ एपी सिंह ने कहा, ”जिस मुकदमे में दाखिल चार्जशीट को लेकर शिकायतकर्ता पक्ष खुश हो रहा है. कोर्ट ने अगर हमारे तर्कों पर गौर कर दिया तो देखिए, आने वाले दिनों में कोर्ट इस मुकदमे में वो न्याय करेगा जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए नजीर बन जाएगा. वो नजीर जिसे सुन और पढ़कर आने वाली पीढ़ियां फिर कभी इस तरह के वाहियाती विषय को लेकर जमाने में कभी किसी कोर्ट कचहरी थाने-चौकी में अब की सी भागदौड़ मचाने की हिमाकत ही नहीं कर सकेंगी.” क्या आप कहना चाहते हैं कि कैंसिलेशन रिपोर्ट आपके मुवक्किल (आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह) के पक्ष में मदद के लिए बेजोड़ कानूनी दस्तावेज साबित होगा?

Advertisement

सांसद पक्ष के वकील डॉ. ए पी सिंह तो कुछ नहीं बोले. हां, पूर्व आईपीएस अधिकारी और यूपी पुलिस के रिटायर्ड आईजी इंटेलीजेंस आर के चतुर्वेदी ने कहा, “दरअसल डॉ. एपी सिंह इसलिए अपने आगे फेंके जाने वाले संभावित पत्ते नहीं खोलेंगे क्योंकि वे मुलजिम पक्ष के वकील हैं. मैं इस तरह के मुकदमों से आईपीएस और पुलिस अफसर होने के चलते जीवन भर रू-ब-रू होता रहा हूं.

Advertisement

‘अभी से खुश ना हों बृजभूषण सिंह’

Advertisement

चतुर्वेदी ने कहा, मैं बता सकता हूं कि जब तक कोर्ट में दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट वहां (संबंधित अदालत) मंजूर नहीं हो जाती है. तब तक मुलजिम पक्ष को खुशी नहीं मनानी चाहिए कि, वो पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट से चलते अब कानूनी झमेलों में फंसने से साफ बच गया है. पुलिस को जो तथ्य जांच में मिले उसने वे कैंसिलेशन रिपोर्ट में दर्ज करके, रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर दी है. अब इस रिपोर्ट को कोर्ट पढ़ेगी.

Advertisement

नफा-नुकसान की बात तो तब आएगी जब, कोर्ट दिल्ली पुलिस की इस कैेसिलेशन रिपोर्ट को मंजूर भी कर ले. अगर मंजूर नहीं की तो कोर्ट, दिल्ली पुलिस से कैंसिलेशन रिपोर्ट से संबंधित कुछ अन्य तथ्य मांग सकती है. कोर्ट, जांच एजेंसी से कैंसिलेशन में दिखाई दे रही किसी भ्रम की स्थिति या तथ्यों को लेकर भी सवाल जवाब कर सकती है. क्योंकि जब कैंसिलेशन रिपोर्ट पुलिस ने दाखिल की है कोर्ट में. तो फिर कोर्ट के जेहन में जो भी सवाल जन्म ले रहे हैं उनका संतोषजनक जवाब देना भी पुलिस की ही जिम्मेदारी बनती है. अगर जांच एजेंसी ने कोर्ट को अपने द्वारा दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट से संतुष्ट कर दिया. तब समझिए कि, पॉक्सो एक्ट वाले मुकदमे में अब तक आरोपी रहे, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गर्दन कानूनी शिकंजे में फंसने से बच गई.

Advertisement

‘सब कुछ कोर्ट के फैसले पर निर्भर’

Advertisement

उन्होंने आगे भी कहा कि अगर कोर्ट ने कैंसिलेशन रिपोर्ट मंजूर नहीं कि या फिर कोर्ट ने इस रिपोर्ट को लेकर जांच एजेंसी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. तो फिर यही कैंसिलेशन रिपोर्ट पुलिस व आरोपी पक्ष के गले की फांस भी बन सकती है. सब कुछ अब जब कैंसिलेशन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. आगे का हर कदम अब कोर्ट पर ही निर्भर करेगा.”

Advertisement
Advertisement

Related posts

गौरव सेनानियों ने निकाली रैली : सात सूत्री मांगों को लेकर दिया नायब तहसीलदार को ज्ञापन

Report Times

परशुराम जन्मोत्सव:विप्र जनों ने अपने घरों में रोशन किए 5-5 दीपक,सेवा दिवस के रूप में मनाया जन्मोत्सव,परशुराम यज्ञ,शिव अभिषेक,परशुराम चालीसा व महाआरती का हुआ आयोजन

Report Times

कैम्पर गाड़ी चुराने वाले आए स्कूटी से : स्कूटी छोड़कर ले गए नई कैम्पर गाड़ी, स्कूटी खेतड़ी नगर से हुए चोरी

Report Times

Leave a Comment