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जोधपुर: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों की लापरवाही का मामला सामने आया है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल मथुरादास माथुर हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है. यहां मानसिक रोग विभाग के वार्ड में चार मरीजों के पैर को चूहों ने कुतर डाला. इससे पहले भी ऐसी शिकायतें आती रही हैं. इस बार भी मामले को रफा दफा किया जाना था, लेकिन बात बाहर आ गई. यह मामला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर का है. जोधपुर जिले में चूहों की दौड़ सिर्फ अनाज की मंडीयों तक ही नहीं रही. ये दौड़ सरकारी अस्पताल तक पहुंच गई है. मामला राजस्थान के जोधपुर शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल का है. अस्पताल में लाखों के वारे न्यारे हैं. यहां हर रोज नई मंजिलें बन रही हैं, लेकिन मानसिक रोग महकमे की बिल्डिंग के हाल ज्यादा बुरा है.
सफाई के लिए हर महीने हजारों रुपये देता है अस्पताल
चूहों ने मरीजों को ही कुतर डाला. इस बात की शिकायत जब डॉक्टर से की गई तो उन्होंने कहा कि साफ सफाई करवाएंगे. बता दें कि इस अस्पताल के वार्ड में कीट और चूहों से मुक्त करवाने के लिए अस्पताल प्रशासन हर महीने 27 हजार रुपए एक एजेंसी को देता है. लेकिन एजेंसी की लापरवाही के चलते मरीज चूहों का शिकार हो गए. पहले से मानसिक रोगी और अब प्लेग जैसी बीमारी की जद में आने जैसे संभावना पैदा हो गई है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई करने की बात कही है.
वार्ड के पास ही सीवर का गंदा पानी
जैसे ही यह सनसनीखेज खबर जिले में फैली तो प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में जिला परिषद सीईओ अभिषेक सुराणा मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने अस्पताल के मनोचिकित्सा वार्ड का निरीक्षण किया. हालांकि उनके आने का अंदेशा पहले से था. अस्पताल प्रशासन ने वार्ड की सफाई करवा डाली. लेकिन वार्ड में फैली बदबू यहां की व्यवस्थाओं की गवाही दे रही थी. वार्ड के पास ही असप्ताल परिसर में पसरा सीवरेज का गंदा पानी एकत्रित हुआ नजर आ रहा था. उसको लेकर तर्क यह दिया गया कि सीवरेज लाइन पुरानी हो चुकी हैं. जल्द नई सीवरेज लाइन डाली जाएंगी.