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पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर अब 10 साल की नहीं बल्कि आजीवन कारावास की सजा होगी. राजस्थान सरकार पेपर लीक मामले में आजीवन कारावास की मांग करने वाला विधेयक लाने की योजना बना रही है. इसके तहत पेपर लीक के किसी भी मामले में दोषी पाए जानें पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा होगी.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान सरकार पेपर लीक मामलों में अधिकतम सजा को 10 साल की जेल की सजा से बढ़ाकर आजीवन कारावास तक करने के लिए अगले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाएगी. ट्वीट कर सीएम गहलोत ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मुख्य सचिव को विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद एक बेहतर प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश दिया गया है. भर्ती परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक होने के कारण गहलोत सरकार को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. नकल और पेपर लीक के कारण रद्द की गई REET और अन्य परीक्षाओं के मद्देनजर विधानसभा ने फरवरी 2022 में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए उपाय) विधेयक पारित किया था, जिसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
विधेयक में अभियुक्तों के लिए 10 करोड़ रुपये का जुर्माना और ऐसे अपराधों की सुनवाई के लिए एक नामित अदालत, कानून में ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है. कानून के तहत दोषी पाए गए परीक्षार्थी को दो साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा.हालांकि, कड़े प्रावधान पेपर लीक को रोकने में विफल रहे, जिस कारण राज्य सरकार अधिकतम सजा पर फिर से विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स केम अनुसार राज्य में 2019 से अब तक करीब 12 पेपर लीक हो चुके हैं, जिससे 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं. वहीं 2011 से 22 के बीच राज्य में पेपर लीक के 26 मामले जर्ज किए गए. मई 2022 में कांस्टेब भर्ती परीक्षा को पेपर लीक के कारण रद्द कर दिया गया था. वहीं हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था, जिस कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया था.