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मध्यपूर्व में जितने भी मुल्क मौजूद हैं, उनमें से कुछ ही हैं, जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है. लेकिन जब बात एक मजबूत लोकतंत्र की आती है, तो इजरायल के तौर पर सिर्फ एक ही ऐसा देश है, जिसे लेकर ये बात पुख्ता तौर पर कही जा सके. इजरायल की पहचान एक लोकतांत्रिक मुल्क के तौर पर होती है. हालांकि, इन दिनों इसकी लोकतांत्रिक नींव हिली हुई है. वजह है प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक ऐसा फैसला, जिसके वजह से मुल्क में ‘आग’ लग गई है. लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.इजरायल का आकार पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर के बराबर है. अगर आबादी की बात करें, तो ये मणिपुर से लगभग तीन गुना है. जहां मणिपुर में 35 लाख लोग रहते हैं, तो वहीं इजरायल की आबादी 93 लाख है. मुल्क भले ही छोटा है, मगर आर्थिक और सैन्य ताकत के लिहाज से दुनिया के टॉप मुल्कों में खड़ा है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर देश में लोकतंत्र है, सेना भी मजबूत है और आर्थिक स्थिति भी अच्छी है, तो फिर देश में बवाल क्यों मचा हुआ है. आइए ऐसे ही सवालों के जवाब आपको बताते हैं.
इजरायली झंडों के साथ प्रदर्शन करते लोग (AFP)