Report Times
latestOtherआरोपकरियरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

‘शर्म बची है तो इस्तीफा दो और चुनाव में दो-दो हाथ करो,’ लाल डायरी पर अमित शाह का गहलोत को चैलेंज

REPORT TIMES

Advertisement

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को राजस्थान के गंगापुर में सहकार किसान सम्मेलन में पहुंचे. इस दौरान अमित शाह ने केंद्र सरकार की किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी बताया और राज्य की सत्ता में काबिज अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी की सरकार को भी जमकर घेरा.शाह ने राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से गूंज रहे लाल डायरी के मुद्दे को भी उछाला. इस लाल डायरी का हवाला देते हुए अमित शाह ने कहा कि करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा उस लाल डायरी के अंदर है.

Advertisement

Advertisement

शाह ने मांगा गहलोत का इस्तीफा, नारेबाजों को दिया जवाब

Advertisement

केंद्रीय गृह मंत्री ने इसी लाल डायरी के बूते अशोक गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनके इस्तीफ के मांग कर दी. उन्होंने कहा, ‘मैं गहलोत साहब को कहने आया हूं कि चंद लोगों को भेजकर नारे लगवाने से कुछ नहीं होता है. जरा सी शर्म बची है तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव के मैदान में आइए. हो जाए दो-दो हाथ.’ इस एक बयान के जरिए केंद्रीय गृह मंंत्री अमित शाह ने गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा, उनसे इस्तीफा भी मांगा और उनकी सभा में नारेबाजी करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भी हमला बोला. इसी दौरान अमित शाह ने फिर एक बार लाल डायरी का जिक्र किया और उससे जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया. अमित शाह ने कहा, ‘कल मुझे एक फोल्डर भेजा गया था. मैंने कहा कि ये फोल्डर मत रखना नहीं तो अशोक गहलोत नाराज हो जाएंगे. मुझसे पूछा गया कि इसमें ऐसा क्या है कि गहलोत चिढ़ जाएंगे. तो मैंने जवाब दिया कि उस फोल्डर का रंग लाल था. आज कल गहलोत साहब लाल डायरी से बहुत डर रहे हैं. वो इसलिए डर रहे हैं क्योंकि डायरी का रंग लाल है और उसके अंदर काले कारनामे कैद हैं.’

Advertisement

राजस्थान की सियासत में कहां से हुई लाल डायरी की एंट्री

Advertisement

दरअसल राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को गहलोत ने पार्टी लाइन से हटकर विधानसभा में बोलने के चलते मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया था. इस फैसले के बाद गुढ़ा ने बताया कि गहलोत ने एक बार उनसे ईडी के छापे के बीच से लाल डायरी निकाल कर लाने का टास्क दिया था. उस डायरी को वो सफलता से निकाल लाए तो गहलोत ने उनकी तारीफों के पुल भी बांध दिए थे. गुढ़ा ने बताया था कि लाल डायरी में गहलोत के काले कारनामे दफन थे.

Advertisement

लाल डायरी के बूते सत्ता में वापसी की तैयारी में बीजेपी?

Advertisement

इस किस्से के बाद से ही लगातार बीजेपी इस लाल डायरी के मुद्दे को जमकर उछाल रही है. पार्टी की रणनीति है कि इस मुद्दे के जरिए सूबे में गहलोत के खिलाफ माहौल बनाया जा सके, ताकि इसकी मदद आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिल सके. दो महीने बाद राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं. सूबे में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहता है. पिछले 25 सालों से राजस्थान की परंपरा रही है कि वो हर पांच साल में सरकार बदल देता है.

Advertisement
Advertisement

Related posts

पालिकाध्यक्ष सुमित्रा सैनी ने 101 लोगों को पट्टे वितरित किए।

Report Times

ट्रेजरी सिस्टम को खत्म करने वाले बिल पर फंसी गहलोत सरकार ! राज्यपाल ने मांगा जवाब

Report Times

एक देश-एक चुनाव पर कमेटी की रिपोर्ट आई, आसान भाषा में समझें इलेक्शन को लेकर क्या सिफारिशें की गईं

Report Times

Leave a Comment