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मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने आज नो कार डे मनाया. इंदौर वासियों ने यह पहल पर्यावरण को सहेजने एवं पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए की है. इसके लिए इंदौर नगर निगम ने अभियान शुरू किया है. इसमें नागरिकों को कार का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया था. निगम की इस पहल का असर ऐसा रहा कि शुक्रवार को इंदौर की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया.इंदौर के तमाम अधिकारियों कर्मचारियों ने ही नहीं, बल्कि आम लोगों ने भी निगम की इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाई. ये सभी लोग आज अपनी कार छोड़ कर सार्वजनिक परिवहन के साधनों से यात्रा करते नजर आए. बता दें कि इंदौर शहर में साढ़े चार लाख से अधिक कार आरटीओ में राजिस्टर्ड हैं. इसके चलते एक तरफ जहां सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण के मारे लोगों का बुरा हाल हो रहा है.हालात को देखते हुए नगर निगम ने लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रति जागरूक करने का फैसला किया. इसी क्रम में आज इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने नो कार डे मनाने का ऐलान किया था. उनकी अपील का पूरा असर दिखा. इंदौर की सड़कों से एक भी कार नजर नहीं आई. खुद महापौर पुष्य मित्र भार्गव भी अपने घर से इलेक्ट्रानिक एक्टिवा पर सवार होकर नगर निगम ऑफिस पहुंचे.
वहीं इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा भी अपने घर से पैदल चलकर बस स्टाप पहुंचे और वहां से बस में सवार होकर अपने कार्यालय आए. इसी प्रकार नगर निगम से लेकर कलेक्ट्रेट तक के सभी अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी गाड़ियों को छोड़ कर सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल किया. इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर तो साइकिल से अपने दफ्तर पहुंचे. कई पुलिस अधिकारी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों में यात्रा करते नजर आए.इंदौर के लोगों ने भी इस अभियान में बढ़ चढ़ कर भूमिका निभाई और अपने स्कूटर, बाइक व कार आदि को आज के लिए गैराज में ही बंद रखा.