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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने महिला आरक्षण बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि के तौर पर बताया है. उन्होंने कहा कि यह बिल देश के विकास के लिए काफी अहम है. यह विषय श्रेय लेने वाला का है, बल्कि यह समाज को जिम्मेदारी के साथ समझने वाला मुद्दा है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह बिल 21वीं सदी में मील का पत्थर साबित होगा. इसका असर दुनिया के दूसरे लोकतांत्रिक देशों पर भी पड़ेगा. इसे एक दिन पूरी दुनिया में एक नजीर के तौर पर याद किया जाएगा.महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है. 20 सितंबर को यह बिल लोकसभा में 454 वोटों से पास हो चुका है वहीं अगले दिन राज्यसभा में 214 सदस्यों ने बिल के समर्थन में वोट किया है. दोनों सदनों में पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया है.
महिला आरक्षण बिल पर सबको धन्यवाद
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है. बिल को पास कराने के लिए लंबे समय से चर्चा हो रही थी. आमतौर पर सभी दलों ने इसका समर्थन किया है. जिन महिला नेतृत्व ने कभी इस बिल के समर्थन में संसद में अपनी आवाज उठाई थी, सदन उन सबको याद किया गया है. सुषमा स्वराज हों या गिरिजा व्यास- उन सबके संघर्ष की सदन में चर्चा की गई है.
महिला आरक्षण बिल से आएगा बड़ा बदलाव
महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों में पास तो हो गया लेकिन यह लागू कब से होगाज- यह एक अहम सवाल है. 128वें संविधान संशोधन के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया गया है लेकिन इसके लागू होने में कई अड़चनें हैं. देश में 95 करोड़ मतदाताओं में करीब आधी महिला मतदाता हैं लेकिन संसद में महिलाओं की भागीदारी करीब 15 फीसदी हैं. विधानसभाओं में तो महिला प्रतिनिधियों की संख्या महज 10 फीसदी है.