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वसुंधरा गुट के देवीसिंह भाटी की BJP में वापसी, दो महीने पहले रखी थी महारानी को लीडरशिप देने की शर्त

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राजस्थान में बीजेपी में चल रही गुटबाजी को लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा ने नेताओं के साथ जो मैराथन बैठक की थी. उसके सकारात्मक नतीजे अब सामने आने लगे हैं. गुरुवार को जब बीजेपी मुख्यालय में बीकानेर के कोलायत से विधायक रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक देवी सिंह भाटी ने जब बीजेपी जॉइन की तो अब धीरे-धीरे साफ होने लगा है कि अमित शाह और जेपी नड्डा ने जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से वन टू वन संवाद किया था उसके मायने क्या थे. देवी सिंह भाटी के बीजेपी जॉइन करने के बाद अब साफ हो गया है कि कहीं ना कहीं अमित शाह और जेपी नड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कमान सौंपने की तैयारी कर ली है. देवी सिंह भाटी बीकानेर के कद्दावर नेता माने जाते हैं और राजपूत समाज में उनकी काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. अब माना जा रहा है की देवी सिंह भाटी के बीजेपी में शामिल होने पर आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी अब और ज्यादा मजबूत होगी.

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लगातार 7 बार रह चुके हैं विधायक

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देवी सिंह भाटी बीकानेर के कोलायत से 1980 से 2008 तक लगातार सात बार विधायक रहे चुके हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देवी सिंह भाटी का कद राजपूत समाज में कितना बड़ा है. साल 2013 में देवी सिंह भाटी चुनाव हार गए थे और उसके बाद साल 2018 में देवी सिंह भाटी ने अपनी पुत्रवधू पूनम कंवर को चुनाव लड़ाया था. मगर उनकी पुत्रवधू कांग्रेस के विधायक भंवर सिंह भाटी से चुनाव हार गई थी. इसके बाद देवी सिंह भाटी ने अर्जुन राम मेघवाल पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उनकी पुत्रवधू के खिलाफ कैंपेनिंग की है. यहीं से अर्जुन राम मेघवाल और देवी सिंह भाटी की अदावत की शुरुआत हुई. साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव आए तो बीजेपी ने देवी सिंह भाटी की जगह अर्जुन नाम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया इससे देवी सिंह भाटी खासा नाराज हो गए थे. और उसके बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी. देवी सिंह भाटी का गुस्सा यही नहीं थमा और उन्होंने अर्जुन नाम मेघवाल के खिलाफ कैंपेनिंग शुरू कर दी थी. हालांकि गुरुवार को बीजेपी जॉइनिंग से पहले उन्होंने कहा कि उनकी अर्जुन राम मेघवाल से बात हो गई है और अब उनसे कोई नाराजगी नहीं है.

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राजपूत वोटरों में अच्छी पकड़

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राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में 24 से 25 विधायक राजपूत समाज से आते हैं. राजपूत समाज में देवी सिंह भाटी की पकड़ काफी मजबूत मानी जा सकती है जाती है. कहीं ना कहीं माना जा रहा है कि राजपूत समाज में अब बीजेपी की अच्छी पकड़ होगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिलेगा.

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वसुंधरा को कमान मिलने पर बीजेपी में लौटूंगा

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देवी सिंह भाटी वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. दो महीने पहले जोधपुर सर्किट हाउस में देवी सिंह भाटी ने कहा था कि जब तक वसुंधरा राजे को कमान नहीं दी जाती तब तक मैं बीजेपी में नहीं लौटूंगा. भाटी के इस बयान के मायने अगर समझे तो अब माना जा सकता है कि अमित शाह और जेपी नड्डा की वसुंधरा राजे से वन टू वन संवाद के बाद अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने आगामी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को कमान सौंप दी है.

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