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बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की रविवार देर रात तक चली मैराथन बैठक में राजस्थान के 40 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, सीईसी की बैठक में मंत्रियों और सांसदों को भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इसके साथ-साथ बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके गढ़ में घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई है. दरअसल, रविवार शाम को राजस्थान चुनाव को लेकर बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक भी हुई थी. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया भी शामिल हुई थीं. इसके बाद बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिगं हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे उम्मीदवारों को लेकर पार्टी नेताओं के साथ चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से नेता, नारा और नीति नाम का एक प्रजेंटेशन भी दिया गया. इस प्रजेंटेशन के जरिए राजस्थान के नेताओं ने चुनावी माहौल और तैयारी की जानकारी दी. इसके बाद 65 उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई जिसमें से लगभग 40 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं. हालांकि, अभी तक उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं हुई है.
गहलोत को उनके ही गढ़ में घेरने की तैयारी
बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को उनके ही गढ़ बाड़मेर में घेरने और वहीं पर उलझा कर रखने के लिए मैदान में मजबूत उम्मीदवार उतारने को लेकर भी चर्चा हुई है. बाड़मेर जिले में कुल सात विधानसभा सीटें आती हैं. इन सातों ही सीटों पर कांग्रेस का मजबूत प्रभाव है.
क्या राजस्थान में भी अपनाएगी एमपी फॉर्मूला?
राजस्थान को लेकर हुई बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी मध्य प्रदेश के फॉर्मूले को यहां भी अपना सकती है. सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात के साफ संकेत भी मिले हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता को बनाए रखने के लिए इस बार सात सांसदों को मैदान उतारा है. इसमें तीन तो केंद्रीय मंत्री हैं, जिनमें नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी शामिल है.