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2030 का सपना दिखाकर 2023 फतह करने की स्ट्रेटजी बना रहे गहलोत, क्या विकास से हिंदुत्व को काउंटर करने का है प्लान?

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव का ऐलान किसी भी दिन हो सकता है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत का फोकस 2023 के बजाय 2030 पर है. गहलोत 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने का मिशन लेकर चल रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को राजस्थान ‘विजन 2030 डॉक्यूमेंट’ जारी करेंगे और कई बड़े ऐलान कर सकते हैं. गहलोत की यह सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. विकास के मामले में राजस्थान को नंबर वन बनाने का सपना दिखाकर गहलोत एक तीर से कई शिकार करना चाहते हैं. एक तरफ उनकी रणनीति सत्ताविरोधी लहर से पार पाने की है तो दूसरी तरफ बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के दांव को विकास के मुद्दे से काउंटर करने की है? सीएम अशोक गहलोत मिशन-2023 अभियान के तहत दूसरे चरण की यात्रा पर हैं. प्रदेश के कई जिलों के दौरे करके तमाम बड़े मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना किया. राजस्थान को हर क्षेत्र में 2030 तक भारत का सिरमौर बनाने के लिए अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों ने सलाह और सुझाव दिए हैं. जनता के सुझाव के आधार पर ही ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट’ तैयार किया गया है. सीएम गहलोत गुरुवार को राजस्थान के विकास का नया मॉडल तैयार करने की दिशा में ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट’ जारी कर 2023 के चुनाव की इबारत लिखने की कोशिशों में हैं.

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बीजेपी का हार्ड हिंदुत्व कार्ड

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बीजेपी राजस्थान की सत्ता में वापसी के लिए किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. बीजेपी ने प्रदेश की चारों दिशाओं से परिवर्तन यात्रा के जरिए 2023 के चुनावी बिसात बिछाने और गहलोत सरकार के खिलाफ एजेंडा सेट करने कवायद की थी. परिवर्तन यात्राओं के दौरान बीजेपी नेताओं ने हिंदुत्व के मुद्दे को उठाते हुए सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने तो गहलोत को बाबर और औरंगजेब प्रेमी तक करार दे दिया था.

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बीजेपी नेताओं ने कन्हैयालाल हत्याकांड, पीएफआई को रैली की अनुमति देने और हिंदू त्योहारों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भी कांग्रेस सरकार और गहलोत पर निशाने साधे थे. इतना ही नहीं बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस और सीएम गहलोत को सनातन और हिंदू विरोधी बताने की कवायद करते हुए नजर आए थे. इस तरह से बीजेपी ने राजस्थान के चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे को आक्रमक तरीके से उठाकर कांग्रेस को घेरने के साथ-साथ 2023 को फतह करने की रणनीति बना रखी है. पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के राजस्थान में दिए गए भाषणों में उदयपुर का कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड, जयपुर ब्लास्ट आरोपियों की रिहाई, कांग्रेस पर तुष्टिकरण का जिक्र करते हुए नजर आए.

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बीजेपी को काउंटर करने का प्लान

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बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड को गहलोत विकास के एजेंडे से काउंटर करने की रणनीति बनाई है. यही वजह है कि उन्होंने मिशन-2030 का सपना दिखाकर 2023 की जंग फतह करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इसी के तहत गहलोत ने यात्रा निकाली और कई बड़े मंदिरों के दर्शन कर बीजेपी के आरोपों का जवाब देने की कोशिश करते नजर आए. यात्रा के दौरान जनता से संवाद, टाउन हॉल मीटिंग और नुक्कड़ सभाएं भी की. रास्ते में के बीच आने वाले प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में सीएम गहलोत पूजा-अर्चना किया. नाथद्वारा में मिशन-2030 के तहत मार्बल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों, कर्मचारियों और पिछवाई पेंटिंग के कारीगारों से संवाद और विभिन्न विकास कार्यों के शिलान्यास-लोकार्पण किया.

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गहलोत ने कहा महंगाई राहत कैम्प के जरिए प्रदेशवासियों को आर्थिक सम्बल मिला है. प्रदेश में लागू योजनाओं सहित स्वास्थ्य का अधिकार, गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी जैसे कानूनों की देश-दुनिया में चर्चा होना कुशल वित्तीय प्रबंधन और जनता के सरकार के प्रति विश्वास को दर्शाता है. मुख्यमंत्री गहलोत हर जगह पर कह रहे हैं कि राजस्थान अब शिक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा, रोजगार, उद्योग, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य बन गया है और 2030 तक देश का अव्वल राज्य बनाना है. वो कहते हैं कि योजनाबद्ध तरीके से राज्य का मजबूत विकास होगा. इस संबंध में ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट’ जारी करके विकास का एजेंडा सेट करने की रणनीति बना रखी है.

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हिंदुत्व के मुद्दे बनाम विकास का एजेंडा

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राजस्थान विधानसभा चुनाव में गहलोत की पूरी कोशिश विकास की तस्वीर पेश करके हिंदुत्व विरोधी होने और तुष्टीकरण के आरोपों को धोकर साफ करने की है. बीजेपी लगातार कांग्रेस के खिलाफ हिंदुत्व और तुष्टीकरण का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही है. देश भर में इसी आधार पर बीजेपी तेजी से आगे बढ़ती रही और बहुसंख्यक वोट बैंक का एक बड़ा ध्रुवीकरण हुआ. यही वजह है कि कांग्रेस और सीएम गहलोत बहुत ही सावधानी के साथ कदम उठा रही है. राजस्थान से गहलोत कांग्रेस का हिंदुत्व प्रेमी चेहरा और विकास दिखाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि बीजेपी के आरोपों का मजबूत जवाब अपने कामों और सरकारी योजनाओं से दिया जा सके. ऐसे में गहलोत ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट’ के जरिए विकास की लकीर खींचना चाहते हैं ताकि बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड को भी फेल किया जा सके और सत्ता विरोधी लहर को भी दूसरी तरफ मोड़ने का प्लान है.

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