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राजस्थान विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गौ प्रेम फिर उमड़ पड़ा है. सीएम गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में राजस्थान गौसेवा समिति द्वारा आयोजित गौसेवा सम्मेलन में सहभागिता कर गाय माता की उपासना की. सीएम ने इस अवसर पर कहा कि कामधेनु पशु बीमा योजना हो, लंपी हेतु क्षतिपूर्ति, टीकाकरण या अन्य प्रयास; प्रदेश सरकार गोवंश के संरक्षण व संवर्धन हेतु संलग्न है. दूसरी ओर, गौ सेवा सम्मेलन में मुख्यमंत्री के आने से पहले संतों को पैसे बांटे गए. संतों को साधने के लिए 2100 रुपये लिफाफे में रखकर संतों को बांटे गए. दक्षिणा के नाम पर संतो को खुद मंत्री ने पैसे बांटे. बता दें कि 100 से ज़्यादा संतों को मंच पर बुलाया गया था. गौ सेवा सम्मेलन में मुख्यमंत्री के आने से पहले मंच पर बुलाकर संतों को पैसे बांटने का खेल चला. 2100 रुपये लिफाफे में भरकर सभी संतों को दिए गये. संतों को पैसे बांटने के लिए खुद मंत्री प्रमोद जैन भाया और गौ सेवा आयोग के चेयरमैन मेवाराम जैन मौजूद थे.
गौ माता कृषि का आधार
सीएम अशोक गहलोत ने फेसबुक पर पोस्ट किया, “गावो विश्वस्य मातरः ! जन-जन की आस्था की प्रतीक गौ माता हमारी कृषि व आर्थिक गतिविधियों का आधार भी है.”बता दें कि आज ही सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान के तीन जिलों का भी ऐलान किया है. राजस्थान गौसेवा समिति की ओर से कहा गया है कि गौ वंश को बचाने के लिए राजस्थान सरकार लगातार काम कर रही है. गौ वंशों का इलाज किया जा रहा है और अस्पताल खोला गया है. आज पूरे देश का 15 फीसदी दूध का उत्पादन राजस्थान में होता है.
सरकार गौवंश के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध-सीएम
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में चर्चा चल रही है कि गाय का दूध बहुत ही लाभकारी है. राजस्थान सरकार गौ वंश का संरक्षण का काम कर रही है. राजस्थान की सरकार ने जितना काम गौ वंश को बचाने में किया है. उतना किसी सरकार ने नहीं किया है. उन्होंने गौ माता का राजकीय धरोहर घोषित करने की मांग की. इस अवसर पर सीएम गहलोत ने गौ सेवा और गौ कल्याण के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गायों के संरक्षण और उपचार के लिए कई काम किए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गौवंश संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.