REPORT TIMES
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी अब तक सभी उम्मीदवार तय नहीं कर सकी है. इसको लेकर दिल्ली में पार्टी की चुनाव समिति की मीटिंग चल रही है. बीते दिन की बैठक में बताया जा रहा है कि कुछ नामों पर मुहर लगा है. बाकी नामों पर आज फिर से मंथन की उम्मीद है. सोमवार की बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि राहुल गांधी नाराज हो गए. उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कहासुनी हुई. सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने इशारे से दोनों को चुप कराया. राहुल की नाराजगी की एक वजह यह भी है अभी तक सभी कैंडिडेट फाइनल क्यों नहीं किए गए? बात एंटी-इनकम्बेंसी की है. कांग्रेस ने राजस्थान में अबतक 95 उम्मीदवार फाइनल किए हैं और 105 उम्मीदवारों का चयन होना है. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली मीटिंग में बताया जा रहा है कि 65-70 नाम फाइनल किए गए हैं. इस बीच राहुल यह देखकर खफा हुए कि अशोक गहलोत अपने करीबियों को टिकट देने की जद्दोजहद में लगे हैं. खासतौर पर उन्हें जिन्होंने बकौल गहलोत 2020 में उनकी सरकार बचाई. पार्टी की दूसरी लिस्ट में एक साथ पांच निर्दलीय को टिकट दिए जाने की बात छिपी नहीं है. अन्य दलों के नेता-विधायक को भी टिकट दिए गए और दिए जाने की संभावना है.
अशोक गहलोत ने आलाकमान को दी झूठी दिलासा?
आलाकमान गहलोत पर आखिरी घड़ी में एक सीमा से ज्यादा अपनी बात नहीं थोपना चाहता, लेकिन सिटिंग गेटिंग के फॉर्मूले पर गहलोत की सरकार बचाने, मौके पर साथ देने जैसे तमाम तर्कों के बाद भी राहुल गांधी ने उनसे कुछ तीखे सवाल पूछे. राहुल के मुताबिक, तीन महीने पहले गहलोत केंद्रीय नेतृत्व को इस भरोसे में लिए हुए थे कि राज्य में सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है. कुछ विधायकों से जनता नाराज है और नाराजगी सिर्फ कुछ सीटों पर है.
करीबियों को टिकट देने पर पार्टी कार्यकर्ता का विरोध
अब जबकि कैंडिडेट फाइनल नहीं किए जा सके हैं और जैसे-जैसे उम्मीदवारों का ऐलान हो रहा है तो राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं की भी नाराजगी सामने आ रही है. गहलोत के निर्दलीय विधायक को टिकट देने का भी विरोध हो रहा है. दौसा जिले की महुवा सीट से गहलोत की जिद्द पर पार्टी ने ओम प्रकाश हुड़ला को टिकट दिया लेकिन स्थानीय कार्यकर्ता उनके विरोध में उतर आए. 2020 में सत्ता पर संकट के दौरान गहलोत के मुताबिक, उन्होंने सरकार का साथ दिया था. नाराजगी सिर्फ कार्यकर्ताओं के बीच ही नहीं है. टिकट कटने से नाराज विधायक पार्टी को खुली चेतावनी दे रहे हैं. बीकानेर पश्चिम में राजकुमार किराडू कांग्रेस को हराने के अभियान में जुटे हैं.
नए लोगों को मौका क्यों नहीं दिया?
आलाकमान की नजरों से यह छिपा नहीं है कि राज्य में नेता, कार्यकर्ता और विधायक की नाराजगी खुल रही है. यही वजह है कि राहुल गांधी वर्किंग कमेटी की बैठक में गहलोत को उनकी बातें याद दिलाई कि, “आप तीन महीने पहले कहर रहे थे कि, हमारी सरकार के खिलाफ नाराजगी नहीं है… और आज आप कह रहे हैं कि उनका विकल्प नहीं बचा है?” साथ ही उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा था, “तो फिर आपने उन सीटों पर सेकेंड लाइन तैयार क्यों नहीं की?” राहुल के कहने का मतलब ये है कि जिन सीटों पर विधायकों के खिलाफ नाराजगी थी, और गहलोत को इस बारे में जानकारी भी थी तो वहां नए लोगों को मौका क्यों नहीं दिया गया?