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बिहार में आज 1लाख बीस हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे. पटना के गांधी मैदान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन के सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करेंगे. इस नियुक्ति में बड़ी संख्या में पहले से कार्यरत नियोजित शिक्षक भी शामिल हैं. हालांकि शिक्षक नियुक्ति के लिए परीक्षा लेने और परिणाम जारी करने वाली बीपीएससी ने यह आंकड़ा जारी नहीं किया है कि 1 लाख 20 हजार नियुक्त होने वाले शिक्षकों में नियोजित शिक्षकों की संख्या कितनी है. जबकि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने आंकड़ा जारी कर बताया है कि नियुक्ति में किन-किन प्रदेशों के शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुसार इस पूरी नियुक्ति में 88% छात्र बिहारी हैं. जबकि 12% शिक्षक अन्य प्रदेशों के हैं. जिसमें केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के शिक्षक शामिल हैं.
भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू नहीं
गौरतलब है की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रारंभिक कक्षा यानी 1 से लेकर 5 तक वर्ग के लिए डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई थी, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग के लिए डोमिसाइल लागू किया गया था. इस शिक्षक नियुक्ति और नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर बिहार में खूब राजनीति हो रही है. विपक्ष ने यह आरोप लगाया है की नियुक्ति में भारी गड़बड़ी की गई है. वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तो यहां तक आरोप लगाया है की नियुक्ति में नीतीश कुमार ने अपने भविष्य की राजनीति का पूरा ख्याल रखा है. जीतन राम मांझी का आरोप है कि चुकी नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लिहाजा फूलपुर के आसपास के अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई है.
बीजेपी ने भी उठाया सवाल
वहीं बीजेपी ने भी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार ने बिहार के युवाओं को झांसा दिया है.बिहार में शिक्षकों की बहाली में बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नौकरी दी गई है. सरकार अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए मेगा इवेंट करा रही है.