Report Times
latestOtherकरियरजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानविधानसभा चुनावस्पेशल

राजस्थान: बीजेपी की सत्ता वापसी के ये 6 किरदार, कौन होगा CM चेहरे का दावेदार?

REPORT TIMES 

Advertisement

देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में आने की सबसे ज्यादा संभावना फिलहाल राजस्थान में है. सर्वे भी यही संकेत दे रहे हैं जबकि बाकी राज्यों में कांटे की टक्कर बताई जा रही है. राजस्थान में बीजेपी ने इस बार किसी भी अपने नेता को सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया, लेकिन सत्ता में वापसी के लिए पार्टी के छह नेता अहम किरदार अदा कर रहे हैं. इनमें बीजेपी के कुछ नेता चुनावी रण में उतरकर किस्मत आजमा रहे हैं तो कुछ जीत दिलाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं.  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर पीएम मोदी तक ने राजस्थान की चुनावी कमान अपने हाथों में रखी है. इसके बावजूद राजस्थान के नेताओं को मोर्चे पर रखा गया है. बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक बार फिर से झालरापाटन विधानसभा सीट से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन उन्हें सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है. केंद्रीय गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुनराम मेघवाल जैसे दिग्गज नेता भले ही चुनाव मैदान में खुद न लड़ रहे हों, लेकिन बीजेपी की वापसी की पठकथा लिखने में जुटे हैं.

Advertisement

Advertisement

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे

Advertisement

राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे बीजेपी की सबसे लोकप्रिय नेताओं में एक हैं. पिछले दो दशक से राज्य की सियासत उनके इर्द-गिर्द सिमटी हुई है और बीजेपी का चेहरा हैं. ग्वालियर सिंधिया राजघराना उनका मायका है जबकि धौलपुर उनकी ससुराल. केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक रही है. झालरापाटन विधानसभा सीट से वसुंधरा राजे जीत रही हैं. 2003 से लेकर 2018 तक हुए चुनाव में वसुंधरा सीएम का चेहरा रही हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें आगे करके चुनाव नहीं लड़ रही है.  बीजेपी इस बार राजस्थान के चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, बीजेपी ने वसुंधरा राजे को भले ही चेहरा घोषित नहीं किया, लेकिन उनके तमाम समर्थक और करीबी नेताओं को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. साफ है बीजेपी सत्ता में अगर वापसी करती है तो फिर मुख्यमंत्री पद के लिए वो अपनी दावेदारी पेश कर सकती है. यही वजह है कि शुरुआत में भले ही खुद को चुनाव प्रचार से दूर रखा हो, लेकिन अब पूरे दमखम के साथ जुटी हुई हैं.

Advertisement

सतीश पूनिया

Advertisement

राजस्थान में बीजेपी के जिस नेता पर सभी की निगाहें हैं, उसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पुनिया का नाम है. बीजेपी के विपक्ष में रहते हुए पुनिया ने ही पार्टी की कमान संभाल रखी थी. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के वो करीबी समझे जाते हैं जबकि वसुंधरा राजे के साथ उनके छत्तीस के रिश्ते रहे हैं. पुनिया की राजनीतिक पृष्ठभूमि संघ की रही है और एबीवीपी से होते हुए बीजेपी में आए हैं. पार्टी संगठन के तमाम पदों रह चुके हैं और जाट समुदाय से आते हैं. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर सीपी जोशी को बना दिया गया है, लेकिन बीजेपी ने उन्हें आमेर विधानसभा सीट से एक बार फिर उतारा है. जाट समुदाय से आते हैं और राजस्थान में जाट समुदाय का अच्छा खासा वोट होने के बाद भी कोई सीएम नहीं बनाया है. अमित शाह और जेपी नड्डा के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं और आमेर सीट से इस बार भी जीतते हैं और बीजेपी सत्ता में वापसी करती हैं, उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.

Advertisement

राजेंद्र राठौड़

Advertisement

राजस्थान में बीजेपी के दिग्गज नेताओं में सात बार के विधायक राजेंद्र राठौड़ का नाम आता है. 1990 के बाद से कोई वो चुनाव नहीं हारे हैं. वह राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. राजपूत समुदाय से आते हैं और पूर्व सीएम और उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के शिष्य हैं. राठौड़ को सीएम के रूप में उनके दो कार्यकालों के दौरान राजे के करीबी के रूप में भी जाना जाता था, लेकिन अब उनके विरोधी के तौर पर देखा जा रहा है. सीएम पद पर राजेंद्र राठौड़ की भी नजर है और बीजेपी की सत्ता में वापसी होती है तो वो भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. वह नेता प्रतिपक्ष के तौर पर गहलोत सरकार पर सबसे ज्यादा हमलावर नेताओं में उन्हें गिना जाता है. राजेंद्र राठौड़ विधानसभा सीट चूरू के बजाय उसी जिले के तारानगर से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में जीतकर आते हैं और बीजेपी की सत्ता में वापसी होती है तो वह अहम रोल में होंगे.

Advertisement

सीपी जोशी

Advertisement

राजस्थान में बीजेपी की कमान संभाल रहे सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ से दो बार सांसद हैं. बीजेपी के ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से ही पार्टी की कमान उन्हें कमान सौंपी है. इसके बाद से ही गहलोत सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं. बीजेपी के जिन नेताओं के टिकट इस बार कटे हैं, उनमें तमाम नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उन पर आरोप लगे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीतती है, उसका श्रेय उन्हें भी जाएगा.

Advertisement

गजेंद्र सिंह शेखावत

Advertisement

राजस्थान की सियासत में सबसे ज्यादा सुर्खियों में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हैं, उन्हें मुख्यमंत्री की रेस में सबसे प्रबल दावेदारों में तौर पर माना जाता है. गहलोत के बेटे को जोधपुर से सीट से हराकर गजेंद्र सिंह शेखावत सांसद बने हैं. बीजेपी में वसु्ंधरा राजे के बाद शेखावत दूसरे सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में नहीं उतारा है, लेकिन चुनावी प्रचार में सबसे आगे दिख रहे हैं. शेखावत पार्टी में सबसे ज्यादा सीएम गहलोत पर हमलावर हैं. गहलोत के निशाने पर भी शेखावत हैं. 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ गुरुग्राम में डेरा जमाया तो गहलोत ने शेखावत पर आपरेशन लोट्स का आरोप लगाया था.

Advertisement

अर्जुन राम मेघवाल

Advertisement

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान में बीजेपी के दलित चेहरा माने जाते हैं. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें राजस्थान में लगा रखा है. इतना ही नहीं उन्हें कानून मंत्री का भारी भरकम पद दिया गया है. बीजेपी उन्हें विधायकी का चुनाव नहीं लड़ा रही है, लेकिन पार्टी ने उन्हें राजस्थान में फिर से सक्रिय कर रखा है और दलित वोटों को जोड़ने का जिम्मा दिया है. ऐसे में बीजेपी सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री की रेस में अर्जुनराम मेघवाल प्रमुख चेहरों में से एक होंगे.

Advertisement
Advertisement

Related posts

ससुर करते थे गलत हरकत… पति ने नहीं दिया साथ तो अपनी मर्जी से भागी कुवैत

Report Times

राजस्थान: घर में तीन लोगों की एक माह में मौत, 13 दिनों से लग रही रहस्यमय आग, डर के मारे उड़ी पड़ोसियों की नींद

Report Times

डुप्लेसिस ने बताई कहां हुई चूक, कैसे फिसला हाथ से मैच

Report Times

Leave a Comment