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राजस्थान के विधानसभा चुनावों में सचिन पायलट की नगरी में अब उनका सियासी सफर और मुश्किलों भरा हो सकता है. बता दें, सोमवार को टोंक विधानसभा सीट पर दो बड़े कांग्रेसी नेताओं ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया. इसमें एक ओर मोहसिन रसीद तो दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व सेवादल जिलाध्यक्ष नईमुद्दीन अपोलो ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर चुनावी मैदान में ताल ठोंक दी. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली टोंक विधानसभा सीट पर दोनों कद्दावर
नाराजगी खुलकर आई सामने
राजस्थान में कांग्रेस के एक धड़े की नाराजगी अब खुलकर सामने आ गई है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का वोटबैंक माने जाने वाले एससी वर्ग से भी कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी अशोक बैरवा ने बसपा से टिकट लेकर नामांकन दाखिल किया है. जिसके चलते एससी वोटबैंक भी अब कांग्रेस के हाथों से खिसकता हुआ नजर आ रहा है.
सचिन पायलट का सुस्त चुनाव प्रचार
वहीं भाजपा से स्थानीय नेता और पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता के नामांकन दाखिल करने से सियासी संग्राम रोचक हो गया है. फिलहाल नामांकन दाखिल करने के बाद सचिन पायलट के सुस्त पड़े चुनावी प्रचार से भी कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता मायूस नजर आ रहे हैं. उधर भाजपा के जिला चुनाव प्रभारी बन आए दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी लगातार सचिन पायलट और कांग्रेस पर हमलावर है. ऐसे में अब सचिन पायलट की मुश्किलें ओर बढ़ती नजर आ रही है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर सचिन पायलट टोंक में डेमेज हो चुकी कांग्रेस का कैसे कंट्रोल करेंगे.
टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल
कांग्रेसी नेता मोहसिन रसीद ने टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर सचिन पायलट पर जमकर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि टोंक वासियों को एक एप्लीकेशन के लिए जयपुर जाना पड़ता है. पायलट कभी स्थानीय मुद्दों पर आमजन के साथ नहीं बोलते, उनकी लोकल समस्याओं का समाधान नहीं करते. रसीद ने कहा कि टोंक को अब तक ट्रेन नहीं मिली है. टोंक की जनता को स्थानीय नेता चाहिए ताकि उनका काम हो सके. उन्होंने कहा कि जनता के प्यार और सहयोग से पायलट को हराएंगे.