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पहली पत्नी रेशमा और दूसरी मोनिका, राजस्थान में कांग्रेस के प्रत्याशी अमीन कागजी की कहानी

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जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी अमीन कागजी ने 50 साल की उम्र में दूसरा निकाह किया है. उन्होंने पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की है. ये जानकारी कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने अपने चुनावी एफिडेविट में किया है. इस एफिडेविट में उन्होंने दो पत्नियों की जानकारी दी है. दूसरी पत्नी का नाम मोनिका शर्मा कागजी बताया है. वहीं, अमीन कागजी की पहली पत्नी का नाम रेशमा है. इनसे उनके चार बच्चे-बच्चियां हैं. इसका उल्लेख अमीन कागजी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भरे एफिडेविट में किया था. इस बार 2023 विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में उन्होंने दो पत्नियों की जानकारी दी है. एफिडेविट में नई पत्नी मोनिका शर्मा कागजी के नाम से जिक्र हुआ है.

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बेटी के निकाह से पहले अमीन ने किया खुद का निकाह

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बताया जा रहा है कि अमीन ने पिछले साल अपनी बड़ी बेटी का निकाह किया था. लेकिन बेटी के निकाह से पहले उन्होंने खुद का निकाह किया था. सूत्रों के अनुसार दूसरी पत्नी मोनिका शर्मा कागजी उनकी सेक्रेटरी रहा करती थी. अब मोनिका से उनके एक बेटी है. बता दें कि अमीन कागजी ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि वे समाज से जुड़े नेता हैं.

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अमीन ने किया इस बार भी जीतने का दावा

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कागजी ने कहा कि उन्होंने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान को खोला है. कागजी ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि वह इस बार भी किशनपोल से जीतेंगे. कांग्रेस विधायक कागजी ने कहा उनका एक ही मकसद है, वो है लोगों की सेवा करना है, जो वह करते रहेंगे. बता दें कि कागजी ने 2018 में जीत दर्ज की थी. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के मोहन लाल गुप्ता को करीब 8000 वोटों से हराया था.

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कागजी इस बार भी किशनपोल से मैदान में

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कांग्रेस ने इस बार भी किशनपोल से अमीन कागजी को टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने किशनपोल सीट से चंद्रमनोहर बटवाड़ा को उम्मीदवार घोषित किया है. चंद्रमनोहर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नेता हैं.किशनपोल विधानसभा सीट अल्पसंख्यक वोटर के हिसाब से सबसे ज्यादा मजबूत मानी जाती है. पिछले तीन चुनाव के समीकरण को देखों तो यहां दो बार बीजेपी जबकि एक बार कांग्रेस को जीत मिली है. 2013 में यहां बीजेपी के मोहनलाल ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के अमीनुद्दीन को हराया था.

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