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राजस्थान के उदयपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग पुजारी और उनकी पत्नी ने मानसिक बीमारी से परेशान होकर फांसी लगा ली. बुजुर्ग दंपति ने गले में भगवद गीता लटकाकर फांसी लगाई. घटना से घर में कोहराम मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पुजारी और उनकी पत्नी के शव को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. घटना उदयपुर जिले के प्रताप नगर थाना क्षेत्र के लकड़वास की है. यहां रहने वाले 62 वर्षीय रघुदास वैष्णव और उनकी पत्नी 60 वर्षीय मांगीबाई पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे. वह मानसिक रूप से भी काफी परेशान थे. पुलिस के अनुसार, रघुदास गांव में ही स्थित ठाकुर जी मंदिर में पुजारी का काम करते थे. दोनों पति-पत्नी अपने बेटे-बहू के साथ एक ही घर में रहते थे.
कमरे में फांसी के फंदे से पत्नी संग लटके मिले पुजारी
पुजारी अपनी पत्नी के साथ घर के ऊपर वाले फ्लोर पर रहते थे. उनका बेटा अपने परिवार के साथ नीचे के फ्लोर पर रहता है. परिजनों ने बताया कि जब बहू अपने सास-ससुर को चाय देने के लिए ऊपर गई तो दरवाजा बंद था. उसने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया. जब अंदर से दरवाजा नहीं खोला तो उसने अपने पति गणपत दास को बताया. गणपत दास ने ऊपर जाकर दरवाजे से झांक कर देखा तो वह चौंक गए. कमरे में पुजारी और उनकी पत्नी फांसी के फंदे पर लटके हुए थे.
गले में लटकी हुई थी भगवद गीता
पुजारी और उनकी पत्नी के गले में भगवद गीता लटकी हुई थी. फांसी के फंदे पर माता-पिता को लटका देख गणपति ने शोर मचाया तो आस पड़ोस के लोग मौके पर पहुंच गए. घटना की सूचना प्रताप नगर थाना पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतरवाया. पुलिस ने देखा कि मृतक पति-पत्नी के गले में कपड़े से एक भागवत गीता बंधी हुई थी. पुलिस ने दोनों शवों को एमबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. जहां से शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौप दिया गया. मृतक दंपति के पुत्र ने बताया कि दोनों मानसिक रूप से परेशान थे, और दोनों पिछले कई समय से बीमार भी थे.