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राजस्थान की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने कई बड़े चेहरों को मैदान में उतारा है. इसमें एक बड़ा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का भी है. भारतीय सेना के बाद खेल की दुनिया में कामयाबी हासिल करने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जब राजनीति में कदम रखा तो वहां पर भी उन्होंने अपने लक्ष्य पर सटीक निशाने लगाए. लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह झोटवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस ने जवाब में युवा नेता और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को उतारा है. देश के लिए ओलंपिक खेलों में पहला व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2013 में 10 सितंबर को राजनीति में प्रवेश किया. भारतीय सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें जयपुर ग्रामीण सीट से 2014 के लोकसभा चुनाव में उतारा जिसमें वह विजयी रहे.
मोदी सरकार में मंत्री बने
फिर नवंबर 2014 में वह मोदी सरकार में शामिल हो गए. 2017 में वह देश के खेल मंत्री बने. हालांकि 2019 में भी यहीं से लोकसभा के लिए चुने गए. बीजेपी ने इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा है. राठौड़ ने 2004 के एथेंस ओलंपिक खेल में निशानेबाजी के डबल ट्रैप स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया. वह ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत जीतने वाले देश के पहले निशानेबाज बने. इसके अलावा वह राष्ट्रमंडल खेलों में 3 बार स्वर्ण पदक जीता. जबकि एक बार रजत पदक अपने नाम किया. 2006 के एशियाई खेलों में उन्होंने डबल ट्रैप टीम स्पर्धा में रजत जीता तो डबल ट्रैप स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था.
खेल रत्न से भी नवाजे गए राठौड़
उनके शानदार खेल प्रदर्शन के लिए भारत सरकार ने 2005 में पद्मश्री से नवाजा. इसी साल राठौड़ को खेल के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया. 2003-2004 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी दिया गया. साथ ही वह 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेल में भारत की ओर से उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक रहे थे. 29 जनवरी, 1970 को जन्मे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ लंबे समय तक सेना के साथ जुड़े रहे. उन्होंने साल 2013 में कर्नल के रूप में रिटायर होने से पहले भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में कमीशन अधिकारी के रूप में काम किया. अब राजनीति के मैदान में वह अपने सटीक निशाने से लगातार अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए हैं. उनकी अहमियत को देखते हुए पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा है. चुनाव के लिए दाखिल अपने हलफनामे में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास 1.25 लाख रुपये कैश के रूप में है तो पत्नी गायत्री राठौड़ के पास 30 हजार कैश है. उनके पास 4.32 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है तो पत्नी के पास 2.11 करोड़ रुपये हैं. इसके अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पास 5.34 करोड़ रुपये की अचल तो पत्नी गायत्री के पास 2.27 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. साथ ही राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर 76.04 लाख रुपये की देनदारी है तो पत्नी के नाम पर 50.72 लाख की देनदारी है.