REPORT TIMES
पांचों विथानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और राजस्थान में अशोक गहलोत सवालों का सामना कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी को इन तीन राज्यों में बीजेपी से करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस अब इस हार पर समीक्षा बैठक कर रही है. शनिवार को राजस्थान की हार पर कांग्रेस ने समीक्षा बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई कड़े सवाल किये गये. राजस्थान की समीक्षा बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत से सवाल पूछा कि चुनाव में सब कुछ आपके कहने के मुताबिक हुआ, इसके बावजूद पार्टी क्यों हारी. आलाकमान ने पूछा कि पहले 50 फीसदी टिकट काटे जाने का प्लान था, लेकिन आपके कहने पर केवल 20-25 फीसदी ही टिकट काटे गये. इसके बावजूद वे क्यों हारे?
क्या हुआ अशोक गहलोत के वादों का?
समीक्षा बैठक के दौरान कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत से कहा कि चुनाव पूर्व आपने अपनी लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं का हवाला दिया था. आपने कहा था कि इन योजनाओं का जमीन पर काफी प्रभाव है. जिसके आधार पर ही ये वादा किया गया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी. इसलिए जब टिकटों के बंटवारे की बात आई तो आप की बातें मानी गईं. लेकिन अब बताइये कि इन सबके बावजूद हार क्यों हुई?
समीक्षा बैठक में राहुल गांधी भी थे मौजूद
ये समीक्षा बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुलाई थी. दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के नतीजों और उसमें कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर अलग-अलग समीक्षा बैठकें हुईं. इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी के कई सीनियर लीडर मौजूद धे. तीन दिसंबर को विधानसभा चुनावों के आये नतीजों में कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस पार्टी को इन तीनों ही राज्यों में सरकार बनाने की उम्मीद थी लेकिन नतीजे से पार्टी नेताओं में निराशा देखने को मिली है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 66, छत्तीसगढ़ में 35 और राजस्थान 69 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है.