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पिछले कुछ दिनों से राजनीति में महुआ मोइत्रा का मुद्दा छाया हुआ है. महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप और एथिक्स कमेटी की जांच के बाद लोकसभा से निष्कासित किये जाने के बाद कांग्रेस कई बार टीएमसी नेता के साथ खड़ी नजर आई है. सोनिया गांधी खुद महुआ मोइत्रा के मुद्दे पर लोकसभा से वाकआउट के दौरान साथ दिखी थीं. निष्कासित होने के बाद जिस तरह से सोनिया गांधी महुआ मोइत्रा के पक्ष में दिखीं, उसके बाद इस बात को लेकर अटकलें लगने लगी कि क्या महुआ कांग्रेस में वापसी करेंगी? कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी ने इस बात पर संदेह जताया है कि तृणमूल के भीतर महुआ मोइत्रा की कितनी कद्र है. एक बात अधीर चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि महुआ मोइत्रा के बगल में खड़े होने का मतलब तृणमूल कांग्रेस के साथ खड़ा होना नहीं है. अधीर चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस न्याय का पक्ष लेने के लिए महुआ मोइत्रा के पक्ष में है. अधीर चौधरी ने कहा, ”हम न्याय के लिए, सत्य के लिए, नियमों के लिए, संविधान के लिए, लोकतंत्र के लिए खड़े हैं. हमने एक बार भी नहीं कहा कि महुआ मोइत्रा कोई गलत काम नहीं कर सकतीं. गलतियां कर सकते हैं, लेकिन अगर महुआ मोइत्रा को संसद में 2 मिनट का समय दिया गया होता तो इससे क्या नुकसान होता? आसमान गिर रहा था?”
महुआ की कांग्रेस में वापसी की अटकलें
इसी संदर्भ में महुआ मोइत्रा की कांग्रेस में वापसी की अटकलें सामने आईं. उस सवाल के जवाब में अधीर चौधरी ने कहा, ”मुझे इस बारे में नहीं पता.” हालांकि, उन्होंने इस बात पर संदेह व्यक्त किया है कि क्या महुआ मोइत्रा की तृणमूल कांग्रेस में कद्र है.” इस संदर्भ में बहरमपुर के सांसद ने कहा, ”महुआ पढ़ी-लिखी हैं. विदेश में पढाई की हैं. वह संसद में नियमित रूप से प्रश्न पूछती हैं. पहले कांग्रेस में थीं. अब टीएमसी में हैं. तृणमूल ने उन्हें विधायक, सांसद बनाया. लेकिन मुझे नहीं पता कि महुआ मोइत्रा का टीएमसी में कद्र या नहीं. मैं नहीं जानता कि वह टीम में कितना महत्वपूर्ण है. महुआ भविष्य में क्या करेंगी, यह उस पर निर्भर है. न्याय के लिए सोनिया गांधी महुआ के साथ खड़ी रहीं.”
महुआ के साथ खड़े होने के मतलब टीएमसी के साथ होना नहीं
उन्होंने कहा, ”एक सांसद को निष्कासित कर दिया गया है. लेकिन हमें स्पष्टीकरण नहीं मिला. 495 पृष्ठों का एक दस्तावेज दिया गया. मुझे इसे पढ़ने का मौका नहीं मिला. 12:30 बजे रिपोर्ट रखी गई और कहा गया कि 2:00 बजे से चर्चा होगी. मैंने कहा, अगर इतने कम समय में चर्चा न करके 2-3 दिन बाद इस पर विस्तार से चर्चा हो सकती है, तो दिक्कत कहां है.” अधीर ने यह भी स्पष्ट किया कि महुआ मोइत्रा के साथ खड़े होने का मतलब यह नहीं है कि वह तृणमूल के साथ नहीं खड़े हैं. उन्होंने साफ किया कि वह तृणमूल के साथ नहीं, बल्कि महुआ मोइत्रा के साथ खड़े हैं. अधीर ने कहा, ”महुआ मोइत्रा के लिए खड़े होने का मतलब तृणमूल के साथ खड़ा होना है- यह पूरी तरह से गलत व्याख्या है.महुआ मोइत्रा टीएमसी के साथ हैं, लेकिन वह संसद के सदस्य हैं. महुआ का समर्थन करने का मतलब तृणमूल का समर्थन करना नहीं है. न महुआ का समर्थन किया, न विरोध. लेकिन महुआ के साथ जो हो रहा है, मेरी राय में, वह अतिशयोक्तिपूर्ण है. अन्याय हुआ है.