थांदला से चतुर्विद संघ के साथ निकला छःरिपालित पैदल यात्रा संघ मंगलवार को मोहनखेड़ा तीर्थ पहुंचा। इसके पहले संघ यात्रा का राजगढ़ में मंगल प्रवेश हुआ। यहां राजेन्द्र भवन में आयोजित धर्मसभा में मुनि चंद्रयशविजय ने श्रीसंघ को प्रेरणा देते हुए कहा कि स्वयं की समृद्धि के साथ साथ जिन शासन की समृद्धि में भी अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग करना चाहिए। संघ में सम्मिलित यात्रियों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि 6 दिनों में उन्हें खूब आनंद आया एवं जिन शासन की प्रभावना का लाभ मिला।
थांदला सहित राजस्थान व महाराष्ट्र के यात्री सम्मिलित हुए। थांदला के मूलचंद हीराचंद लुणावत परिवार द्वारा 3 मार्च से 8 मार्च तक 6 दिवसीय पैदल यात्रा संघ का आयोजन किया गया। कुल 78 किलोमीटर के यात्रा संघ में यात्रियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। कुल 158 यात्रियों ने इसमें सहभागिता की। श्रावक, श्राविकाओं, साधु, साध्वियों की सहभागिता के साथ निकले संघ में सभी ने प्रतिदिन विभिन्न नियमों का पालन करते हुए यात्रा की।
यात्रा में सम्मिलित होने के लिए थांदला के साथ-साथ राजगढ़, रतलाम सहित महाराष्ट्र, राजस्थान के भी यात्री पहुंचे। पूना महाराष्ट्र से आए वीरचंद धुंबड़िया 63 वर्ष ने बताया कि यात्रा में खूब आनंद आया, कहीं किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आई। इसके पहले भी उन्होंने पैदल यात्रा संघ में भाग लिया था। इसी प्रकार से माणकचंद केशरीमल शाह सुमेरपुर राज. ने बताया कि उन्होंने इस यात्रा संघ के पहले अनेक तीर्थ यात्राएं एवं पैदल यात्रा संघों में सहभागिता की है।
उनके द्वारा 1750 बार सिद्धाचल तीर्थ पालीताणा की यात्रा के साथ ही 12 सिद्धी तप तपस्या भी की गई। इसके पहले श्रीसंघ का सुबह 7.30 बजे मानव सेवा चिकित्सालय के पीछे भानगढ़ रोड़ से नगर प्रवेश हुआ इसमें मुनि चंद्रयशविजय के साथ अन्य मुनिगण एवं साध्वी मण्डल निश्रा प्रदान कर रहे थे। संघ में सबसे हाथी एवं सुसज्जित बग्घी में संघपति परिवार के सदस्य विराजित थे। वे सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।
संघयात्री महावीर मंदिर स्थित राजेन्द्र भवन पहुंचे यहां राजगढ़ श्री संघ द्वारा संघपति परिवारजनों का शाल, श्रीफल एवं माला पहनाकर बहुमान किया गया। संघ की नवकारसी का आयोजन भी हुआ यहां से संघ का मोहनखेड़ा तीर्थ के लिए प्रस्थान हुआ। मोहनखेड़ा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेड़ी ट्रस्ट द्वारा बहुमान करने के बाद संघमाल का आयोजन हुआ।